(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अनूपपुर जिला-अनूपपुर (म.प्र.) के न्यायालय के विशेष प्रकरण क्र. 45/2018 थाना कोतवाली अनूपपुर के अपराध क्र. 300/18 धारा 363, 366ए, 506, 376(3) भादवि एवं 3/4 पॉक्सों एक्ट के मनोज कुमार राठौर पिता स्व.संतोष कुमार राठौर उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम बेला,थाना कोतवाली अनूपपुर जिला अनूपपुर (म.प्र.) को धारा 363, 366 भादवि में 5-5 वर्ष कारावास तथा 1-1 हजार रू. का अर्थदण्ड, धारा 342 भादवि में 01 वर्ष का कारावास तथा 1 हजार रू. अर्थदण्ड, धारा 376(3) भादवि में 20 वर्ष का कारावास एवं 1 हजार रू. अर्थदण्ड तथा धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का कारावास एवं 1 हजार रू.अर्थदण्ड से दण्डित किया है।जेल की सभी सजाएं एक साथ चलने के कारण कुल मिलाकर आरोपी को 20 वर्ष का कारावास एवं कुल 5 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई हैं, प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक,जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा की गयी है।
न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि पीडिता के पिता द्वारा दिनांक 06/09/2018 को इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई गई कि उसकी पुत्री जिसकी जन्मतिथि 26/06/2003 है, जो कक्षा 11वीं की विद्यालय में पढ़ाई करती है,जो दिनांक 02/09/2018 को रात्रि करीब 11.00 बजे घर में सोयी थी और 03/09/18 को प्रातः 06 बजे करीब जगने पर देखे तो घर से पुत्री लापता थी तथा आरोपी मनोज राठौर पर अपहृता पुत्री के अपहरण किये जाने का संदेह व्यक्त किया था,रिपोर्ट पर अपराध धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर अनुसंधान के दौरान घटना स्थल का निरीक्षण एवं फरियादी एवं उसकी पत्नी के पुत्र के कथन लेख किये गये तथा 07/09/18 को दिन में करीब 16.00 बजे अपहृर्ता (पीडिता) की दस्तयाबी आरोपी मनोज राठौर के निवास से किया गया जिससे पूछताछ कथन उपरान्त अपहृता के पिता को सुपुर्द किया गया।
उसके पश्चात (पीडिता) अपने पिता परिजनों के साथ आगामी दिनांक 08/09/2018 को थाना उपस्थित आई जिसका धारा 164 जा.फौ. के तहत न्यायालयीन कथन लेख कराया गया जिसमें अपहृता (पीडिता) ने अपनी उम्र 15 वर्ष होना, कक्षा 11 वीं की पढाई करना जहां करीब एक वर्ष पूर्व से रास्ते में आरोपी मनोज राठौर ने निवासी बेला पीडिता से मिलता था और धमकियां देता था कि उसके साथ यहां वहां चलों तथा न जाने पर भाई को मार देने की धमकी देता था जिससे डर कर वह आरोपी के कहे अनुसार उसके साथ चली जाती थी और आरोपी के भय से उक्त जानकारी माता पिता को नहीं बताती थी,दिनांक 01/09/2018 को जब वह विद्यालय जा रही थी तुलसी कॉलेज के पास मनोज राठौर ने मोटरसाइकल सहित पीडिता का हाथ पकडकर उसे शहडोल चलने को कहा।जहां आरोपी ने अपने मोटरसायकल से शहडोल ले गया। फिर घुमा फिराकर तुलसी कॉलेज अनुपपुर के पास छोड़ा जहां से वह घर वापस आई। फिर उसी रात्रि 11.00 बजे जब वह सोने के बाद बाथरूम के लिये बाहर निकली तभी आरोपी ने पीडिता का हाथ पकड़कर पीडिता व उसकी बहन को मरवा देने की धमकियों के साथ जबरन अपने घर ले गया और घर मे रखे रहा दो दिन बाद रात्रि में आरोपी ने पीडिता को टेबलेट खिलाया जिससे वह सुबह आठ बजे सोकर उठी और सोते समय आरोपी ने पीडिता के साथ क्या किया की जानकारी उसे नहीं होना बतायी तथा यह भी बतायी कि आरोपी मनोज राठौर पांच दिन तक अपने घर में रखे रहा फिर पीडिता का भाई पुलिस के साथ पहुंचा और पीडिता को दस्तयाब किया।
पीडिता के उक्त कथन पर आरोपी मनोज राठौर के विरूद्ध प्रथम दृष्टया अपराध धारा 363 भादवि के साथ ही धारा 366क 342, 506बी का अपराध घटित होना पाए जाने पर प्रकरण में शेष उक्त धाराएं पुलिस द्वारा बढाई गई इसी क्रम में दिनांक 13/09/2018 को फरियादी (पीडिता के पिता) ने अपनी पुत्री के साथ आकर घटना के संबंध में एक लिखित शिकायत इस आशय का पेश किया कि उसकी पुत्री पीडिता ने आरोपी मनोज राठौर की धमकियों के डर से आपबीती घटना की सही जानकारी नहीं दे सकी थी और न्यायालय कथन उपरान्त घर पहुंचने पर पुत्री ने मां को रो रोकर आरोपी मनोज राठौर के आपराधिक कृत्यों की जानकारी दी कि वह लोकमर्यादा एवं शर्म के भय से न्यायालय में मनोज राठौर के कृत्यों का बयान तो की थी किन्तु उसके द्वारा किये गये शारीरिक संबंध (बलात्संग) की जानकारी नहीं दे सकी थी।जबकि आरोपी मनोज ने जब पीडिता पुत्री को गोली खिला दिया था उसी रात को मां के कमरे से अलग लाया और गोली खिलाने के करीब एक घण्टे बाद मनोज ने पीडिता के साथ जबरन गलत काम (बलात्कार) किया था।जिससे पुत्री को कष्ट भी हुआ था तथा गलत काम करने के बाद धमकियां दिया था कि यदि किसी को बताई तो तुझे सहित तेरे परिवार को जान से खत्म कर दूंगा,इन्हीं धमकियों से पीडित पुत्री ने न्यायालय में भी बलात संभोग संबंधी वास्तविक घटना की जानकारी न दे सकी थी। जबकि पीडिता के साथ आरोपी ने बलात शारीरिक संबंध बनाया है और पुष्टि हेतु पीडिता के गुप्तांग चिकित्सीय परीक्षण की मांग फरियादी पिता द्वारा की गई। जिस पर सहमति एवं अनुमति पश्चात पीडिता का गुप्तांग चिकित्सीय परीक्षण जिला अस्पताल अनूपपुर से कराया गया तथा पीडिता एवं फरियादी उसके माता-पिता के पूरक कथन के आधार पर घटना की पुष्टि हुई। जिस पर प्रकाशित तथ्यों के आधार पर प्रकरण में अपराध धारा 376(3) भादवि एवं 3/4 पॉक्सो एक्ट बढ़ाया गया तथा फरियादी एवं पीडिता के निशादेही पर घटना स्थल का नजरी नक्शा तैयार किया गया और मुखबिर की सूचना पर आरोपी मनोज राठौर को दस्तयाब कर दिनांक 24/09/2018 को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक आकांक्षा सिंह, उप निरीक्षक अभयराज सिंह तथा निरीक्षक प्रफुल्ल राय के निर्देशन में की जाकर पुलिस के द्वारा प्रकरण का अभियोग पत्र न्यायालय में विचारण हेतु दिनांक 03/10/2018 को प्रस्तुत किया गया,जहां माननीय न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई जिसमें उन्होंने मामले को साबित करने के लिए 15 गवाहों का परीक्षण एवं 27 दस्तावेजों को न्यायालय में प्रदर्शित कराया जिस पर न्यायालय ने दिनांक 22 नवम्बर 2022 को उपरोक्त निर्णय पारित किया।
न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि पीडिता के पिता द्वारा दिनांक 06/09/2018 को इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई गई कि उसकी पुत्री जिसकी जन्मतिथि 26/06/2003 है, जो कक्षा 11वीं की विद्यालय में पढ़ाई करती है,जो दिनांक 02/09/2018 को रात्रि करीब 11.00 बजे घर में सोयी थी और 03/09/18 को प्रातः 06 बजे करीब जगने पर देखे तो घर से पुत्री लापता थी तथा आरोपी मनोज राठौर पर अपहृता पुत्री के अपहरण किये जाने का संदेह व्यक्त किया था,रिपोर्ट पर अपराध धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर अनुसंधान के दौरान घटना स्थल का निरीक्षण एवं फरियादी एवं उसकी पत्नी के पुत्र के कथन लेख किये गये तथा 07/09/18 को दिन में करीब 16.00 बजे अपहृर्ता (पीडिता) की दस्तयाबी आरोपी मनोज राठौर के निवास से किया गया जिससे पूछताछ कथन उपरान्त अपहृता के पिता को सुपुर्द किया गया।
उसके पश्चात (पीडिता) अपने पिता परिजनों के साथ आगामी दिनांक 08/09/2018 को थाना उपस्थित आई जिसका धारा 164 जा.फौ. के तहत न्यायालयीन कथन लेख कराया गया जिसमें अपहृता (पीडिता) ने अपनी उम्र 15 वर्ष होना, कक्षा 11 वीं की पढाई करना जहां करीब एक वर्ष पूर्व से रास्ते में आरोपी मनोज राठौर ने निवासी बेला पीडिता से मिलता था और धमकियां देता था कि उसके साथ यहां वहां चलों तथा न जाने पर भाई को मार देने की धमकी देता था जिससे डर कर वह आरोपी के कहे अनुसार उसके साथ चली जाती थी और आरोपी के भय से उक्त जानकारी माता पिता को नहीं बताती थी,दिनांक 01/09/2018 को जब वह विद्यालय जा रही थी तुलसी कॉलेज के पास मनोज राठौर ने मोटरसाइकल सहित पीडिता का हाथ पकडकर उसे शहडोल चलने को कहा।जहां आरोपी ने अपने मोटरसायकल से शहडोल ले गया। फिर घुमा फिराकर तुलसी कॉलेज अनुपपुर के पास छोड़ा जहां से वह घर वापस आई। फिर उसी रात्रि 11.00 बजे जब वह सोने के बाद बाथरूम के लिये बाहर निकली तभी आरोपी ने पीडिता का हाथ पकड़कर पीडिता व उसकी बहन को मरवा देने की धमकियों के साथ जबरन अपने घर ले गया और घर मे रखे रहा दो दिन बाद रात्रि में आरोपी ने पीडिता को टेबलेट खिलाया जिससे वह सुबह आठ बजे सोकर उठी और सोते समय आरोपी ने पीडिता के साथ क्या किया की जानकारी उसे नहीं होना बतायी तथा यह भी बतायी कि आरोपी मनोज राठौर पांच दिन तक अपने घर में रखे रहा फिर पीडिता का भाई पुलिस के साथ पहुंचा और पीडिता को दस्तयाब किया।
पीडिता के उक्त कथन पर आरोपी मनोज राठौर के विरूद्ध प्रथम दृष्टया अपराध धारा 363 भादवि के साथ ही धारा 366क 342, 506बी का अपराध घटित होना पाए जाने पर प्रकरण में शेष उक्त धाराएं पुलिस द्वारा बढाई गई इसी क्रम में दिनांक 13/09/2018 को फरियादी (पीडिता के पिता) ने अपनी पुत्री के साथ आकर घटना के संबंध में एक लिखित शिकायत इस आशय का पेश किया कि उसकी पुत्री पीडिता ने आरोपी मनोज राठौर की धमकियों के डर से आपबीती घटना की सही जानकारी नहीं दे सकी थी और न्यायालय कथन उपरान्त घर पहुंचने पर पुत्री ने मां को रो रोकर आरोपी मनोज राठौर के आपराधिक कृत्यों की जानकारी दी कि वह लोकमर्यादा एवं शर्म के भय से न्यायालय में मनोज राठौर के कृत्यों का बयान तो की थी किन्तु उसके द्वारा किये गये शारीरिक संबंध (बलात्संग) की जानकारी नहीं दे सकी थी।जबकि आरोपी मनोज ने जब पीडिता पुत्री को गोली खिला दिया था उसी रात को मां के कमरे से अलग लाया और गोली खिलाने के करीब एक घण्टे बाद मनोज ने पीडिता के साथ जबरन गलत काम (बलात्कार) किया था।जिससे पुत्री को कष्ट भी हुआ था तथा गलत काम करने के बाद धमकियां दिया था कि यदि किसी को बताई तो तुझे सहित तेरे परिवार को जान से खत्म कर दूंगा,इन्हीं धमकियों से पीडित पुत्री ने न्यायालय में भी बलात संभोग संबंधी वास्तविक घटना की जानकारी न दे सकी थी। जबकि पीडिता के साथ आरोपी ने बलात शारीरिक संबंध बनाया है और पुष्टि हेतु पीडिता के गुप्तांग चिकित्सीय परीक्षण की मांग फरियादी पिता द्वारा की गई। जिस पर सहमति एवं अनुमति पश्चात पीडिता का गुप्तांग चिकित्सीय परीक्षण जिला अस्पताल अनूपपुर से कराया गया तथा पीडिता एवं फरियादी उसके माता-पिता के पूरक कथन के आधार पर घटना की पुष्टि हुई। जिस पर प्रकाशित तथ्यों के आधार पर प्रकरण में अपराध धारा 376(3) भादवि एवं 3/4 पॉक्सो एक्ट बढ़ाया गया तथा फरियादी एवं पीडिता के निशादेही पर घटना स्थल का नजरी नक्शा तैयार किया गया और मुखबिर की सूचना पर आरोपी मनोज राठौर को दस्तयाब कर दिनांक 24/09/2018 को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक आकांक्षा सिंह, उप निरीक्षक अभयराज सिंह तथा निरीक्षक प्रफुल्ल राय के निर्देशन में की जाकर पुलिस के द्वारा प्रकरण का अभियोग पत्र न्यायालय में विचारण हेतु दिनांक 03/10/2018 को प्रस्तुत किया गया,जहां माननीय न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई जिसमें उन्होंने मामले को साबित करने के लिए 15 गवाहों का परीक्षण एवं 27 दस्तावेजों को न्यायालय में प्रदर्शित कराया जिस पर न्यायालय ने दिनांक 22 नवम्बर 2022 को उपरोक्त निर्णय पारित किया।
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