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प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निगवानी में अनुपस्थित स्टॉफ की जाँच के संबंध में सीएमएचओ डॉ.एस.सी.राय ने दिए निर्देश

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 

अनूपपुर (अंंचलधारा) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निगवानी में गर्भवती महिला के पहुँचने पर अस्पताल का चैनल गेट खुला रहने व सभी कक्ष बंद रहने के वायरल वीडियो तथा गर्भवती महिला को हुई असुविधा को जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए संबंधित स्टॉफ के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।स्टॉफ द्वारा बरती गई लापरवाही पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा के खण्ड चिकित्सा अधिकारी ने कारण बताओ सूचना पत्र संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों को जारी कर 2 दिवस की समय- सीमा में स्वयं उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.सी.राय ने खण्ड चिकित्सा अधिकारी कोतमा को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निगवानी में 26/10/2022 को सुबह 10 से 11 बजे के बीच जर्राटोला से आई गर्भवती महिला के पहुँचने के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निगवानी के अस्पताल परिसर में ताला लटकते पाए जाने एवं एक भी अधिकारी-कर्मचारी के उपस्थित नही होने से उत्पन्न हुई असुविधा को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बीएमओ कोतमा को जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जारी पत्र में कहा है कि उक्त घटना से स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण सुविधा के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता प्रतीत होती है। सीएमएचओ ने बीएमओ को अस्पताल परिसर में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी की उपस्थिति की जांच एवं घटना की जांच कर जांच प्रतिवेदन 3 दिवस के अंदर समक्ष में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। जिससे दोषी जनों के विरूद्ध कार्यवाही की जा सके।
           बीएमओ कोतमा ने निगवानी पहुँचकर आज क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर व्यवस्था सुधार के संबंध में सुझाव प्राप्त किए गए।

निगवानी मामले में सिर्फ 
नोटिस पर्याप्त नहीं-मनोज


लेखक एवं चिंतक मनोज द्विवेदी का कहना है कि निगवानी में गर्भवती महिला को इलाज प्रदान ना करना और इसमें लापरवाही को कदापि उचित नहीं ठहराया जा सकता।  
              प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब जन सरोकार से जुड़ी संवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था के हामी हैं।प्रतिदिन प्रत्येक जिले का फीडबैक लेते देखे जा रहे हैं। ऐसे में निगरानी मामले में सिर्फ नोटिस देना कागजी कार्यवाही से अधिक कुछ नहीं है।
               जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से अपेक्षा है कि घटना को ध्यान में रखकर निगरानी में स्वास्थ्य व्यवस्था की तत्काल समीक्षा कर आम जन को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की पुख्ता व्यवस्था करें।प्रयास यह भी हो कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।

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