(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 25 अगस्त से 8 सितंबर तक "नेत्रदान पखवाड़ा" के आयोजन में शुक्रवार को जिले के जैतहरी में नगर परिषद
अध्यक्ष नवरत्नी विजय शुक्ला के उपस्थिति में नेत्र विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं के सहयोग से नेत्रदान जागरूकता रैली निकाली गई। रैली में छात्र- छात्राओं के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं अन्य लोगों शामिल रहें।
नेत्र चिकित्स्क डॉ.जनक सारीवान ने बताया कि इस दौरान नेत्रदान से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया गया। इसमें जनमानस को नेत्रदान की जानकारी दी गई। नेत्रदान महादान अभियान में नागरिकों को जागरूकता करने के दौरान 16 लोगो ने राष्ट्र के नाम नेत्रदान की घोषणा की।
नेत्र रोग चिकित्सक ने बताया कि जिले में सैकड़ों ऐसे मरीज हैं जिनकी आंखों में चोट या अन्य समस्यायों के कारण पुतली (कॉर्निया) में सफेदी या फूली पड़ गई है। जागरूकता के अभाव में आंखों में चोट लगने या आंखों की अन्य समस्यायों पर लोग बिना चिकित्सक के सलाह के आई ड्रॉप या ट्रेडिशनल आई मेडिसिन जैसे-पौधे या पत्तियों के रस,दूध,घी,टूथपेस्ट,तेल इत्यादि डाल लेते है,जो बाद में पुतली में सफेदी या फूली का कारण बन जाते हैं जिस कारण दिखाई देना कम हो जाता है।ऐसे व्यक्तियों में नेत्रदान के द्वारा पुतली का प्रत्यारोपण से नजर को वापस लाया जा सकता है। यह सब जागरूकता और जानकारी के अभाव एवं सामाजिक व धार्मिक कारणों से नेत्रदान बेहद कम हो पाते हैं।
उन्होंने बताया कि मरणोपरांत आंखे मिट्टी में मिल जाती हैं,परंतु नेत्रदान के द्वारा हम किसी दृष्टिहीन व्यक्ति को नेत्र ज्योति प्रदान कर सकते हैं जिससे वो संसार को देख सकता है।नेत्रदान की घोषणा जीवनकाल में करना होता है जबकि नेत्रदान मरणोपरांत किया जाता है।नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम के दौरान जनमानस को नेत्रदान से संबंधित जानकारी एवं जागरूक किया जावेगा।जिससे अधिक से अधिक नेत्रदान की घोषणा की जा सके ताकि अनेकों दृष्टिहीनों को नेत्र ज्योति मिल सके।
अध्यक्ष नवरत्नी विजय शुक्ला के उपस्थिति में नेत्र विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं के सहयोग से नेत्रदान जागरूकता रैली निकाली गई। रैली में छात्र- छात्राओं के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं अन्य लोगों शामिल रहें।
नेत्र चिकित्स्क डॉ.जनक सारीवान ने बताया कि इस दौरान नेत्रदान से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया गया। इसमें जनमानस को नेत्रदान की जानकारी दी गई। नेत्रदान महादान अभियान में नागरिकों को जागरूकता करने के दौरान 16 लोगो ने राष्ट्र के नाम नेत्रदान की घोषणा की।
नेत्र रोग चिकित्सक ने बताया कि जिले में सैकड़ों ऐसे मरीज हैं जिनकी आंखों में चोट या अन्य समस्यायों के कारण पुतली (कॉर्निया) में सफेदी या फूली पड़ गई है। जागरूकता के अभाव में आंखों में चोट लगने या आंखों की अन्य समस्यायों पर लोग बिना चिकित्सक के सलाह के आई ड्रॉप या ट्रेडिशनल आई मेडिसिन जैसे-पौधे या पत्तियों के रस,दूध,घी,टूथपेस्ट,तेल इत्यादि डाल लेते है,जो बाद में पुतली में सफेदी या फूली का कारण बन जाते हैं जिस कारण दिखाई देना कम हो जाता है।ऐसे व्यक्तियों में नेत्रदान के द्वारा पुतली का प्रत्यारोपण से नजर को वापस लाया जा सकता है। यह सब जागरूकता और जानकारी के अभाव एवं सामाजिक व धार्मिक कारणों से नेत्रदान बेहद कम हो पाते हैं।
उन्होंने बताया कि मरणोपरांत आंखे मिट्टी में मिल जाती हैं,परंतु नेत्रदान के द्वारा हम किसी दृष्टिहीन व्यक्ति को नेत्र ज्योति प्रदान कर सकते हैं जिससे वो संसार को देख सकता है।नेत्रदान की घोषणा जीवनकाल में करना होता है जबकि नेत्रदान मरणोपरांत किया जाता है।नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम के दौरान जनमानस को नेत्रदान से संबंधित जानकारी एवं जागरूक किया जावेगा।जिससे अधिक से अधिक नेत्रदान की घोषणा की जा सके ताकि अनेकों दृष्टिहीनों को नेत्र ज्योति मिल सके।
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