(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) प्रति वर्ष की तरह राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 25 अगस्त से 8 सितंबर 2022 तक नेत्रदान पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है।जिसमे नेत्रदान से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया जावेगा एवं जनमानस को नेत्रदान की जानकारी दी जावेगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. सी. राय के मार्गदर्शन में नेत्र विभाग जिला चिकित्सालय अनूपपुर के द्वारा उक्त पखवाड़े के दौरान विभिन्न स्थानों में नेत्र शिविर का आयोजन कर नेत्र जांच की जावेगी एवं नेत्रदान हेतु जनमानस को जागरूक किया जाएगा व रैली कार्यक्रम का आयोजन किया जावेगा तथा आम जन को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया जाकर नेत्रदान का घोषणा पत्र भरवाया जावेगा। उक्ताशय की जानकारी देते हुए जिला चिकित्सालय अनूपपुर के नेत्र रोग चिकित्सक डॉ. जनक सारीवान ने बताया है कि जिले में सैकड़ों ऐसे मरीज हैं जिनकी आंखों में चोट या अन्य समस्यायों के कारण पुतली (कॉर्निया) में सफेदी या फूली पड़ गई है। जागरूकता के अभाव में आंखों में चोट लगने या आंखों की अन्य समस्यायों पर लोग बिना चिकित्सक के सलाह के आई ड्रॉप या ट्रेडिशनल आई मेडिसिन जैसे-पौधे या पत्तियों के रस, दूध, घी, टूथपेस्ट,तेल इत्यादि डाल लेते है जो बाद में पुतली में सफेदी या फूली का कारण बन जाते हैं जिस कारण इंसान को दिखाई देना कम हो जाता है। ऐसे व्यक्तियों में नेत्रदान के द्वारा पुतली का प्रत्यारोपण से नजर को वापस लाया जा सकता है।विडंबना यह है कि जागरूकता और जानकारी के अभाव एवं सामाजिक व धार्मिक कारणों से नेत्रदान बेहद कम हो पाते हैं।उन्होंने बताया है कि मरणोपरांत आंखे मिट्टी में मिल जाती हैं,परंतु नेत्रदान के द्वारा हम किसी दृष्टिहीन व्यक्ति को नेत्र ज्योति प्रदान कर सकते हैं जिससे वो संसार को देख सकता है।नेत्रदान की घोषणा जीवनकाल में करना होता है जबकि नेत्रदान मरणोपरांत किया जाता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. सी. राय के मार्गदर्शन में नेत्र विभाग जिला चिकित्सालय अनूपपुर के द्वारा उक्त पखवाड़े के दौरान विभिन्न स्थानों में नेत्र शिविर का आयोजन कर नेत्र जांच की जावेगी एवं नेत्रदान हेतु जनमानस को जागरूक किया जाएगा व रैली कार्यक्रम का आयोजन किया जावेगा तथा आम जन को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया जाकर नेत्रदान का घोषणा पत्र भरवाया जावेगा। उक्ताशय की जानकारी देते हुए जिला चिकित्सालय अनूपपुर के नेत्र रोग चिकित्सक डॉ. जनक सारीवान ने बताया है कि जिले में सैकड़ों ऐसे मरीज हैं जिनकी आंखों में चोट या अन्य समस्यायों के कारण पुतली (कॉर्निया) में सफेदी या फूली पड़ गई है। जागरूकता के अभाव में आंखों में चोट लगने या आंखों की अन्य समस्यायों पर लोग बिना चिकित्सक के सलाह के आई ड्रॉप या ट्रेडिशनल आई मेडिसिन जैसे-पौधे या पत्तियों के रस, दूध, घी, टूथपेस्ट,तेल इत्यादि डाल लेते है जो बाद में पुतली में सफेदी या फूली का कारण बन जाते हैं जिस कारण इंसान को दिखाई देना कम हो जाता है। ऐसे व्यक्तियों में नेत्रदान के द्वारा पुतली का प्रत्यारोपण से नजर को वापस लाया जा सकता है।विडंबना यह है कि जागरूकता और जानकारी के अभाव एवं सामाजिक व धार्मिक कारणों से नेत्रदान बेहद कम हो पाते हैं।उन्होंने बताया है कि मरणोपरांत आंखे मिट्टी में मिल जाती हैं,परंतु नेत्रदान के द्वारा हम किसी दृष्टिहीन व्यक्ति को नेत्र ज्योति प्रदान कर सकते हैं जिससे वो संसार को देख सकता है।नेत्रदान की घोषणा जीवनकाल में करना होता है जबकि नेत्रदान मरणोपरांत किया जाता है।
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