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समाज के संतुलित विकास के लिए नशे की प्रवृत्ति का उन्मूलन आवश्यक-डॉ. संत

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस 26 जून के अवसर पर जिले के अग्रणी शासकीय तुलसी महाविद्यालय मे गोष्ठी का आयोजन प्राचार्य डॉ. विक्रम सिंह बघेल के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ.जे. के. सन्त ने कहा कि नशा सभी समस्याओं की जड़ है। वर्तमान में हो रहे सामाजिक विघटन का यह प्रमुख कारण है।नशे की लत युवाओं को कमजोर बना रही है जिससे समाज में आत्महत्या की दर भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यदि समाज का संतुलित विकास करना है तो इस तरह की प्रवृत्ति का उन्मूलन करना होगा। इसी कार्यक्रम में बतौर  विशिष्ट वक्ता उपस्थित प्रो. शाहबाज़ खान ने कहा कि वर्तमान दौर में युवावर्ग नशे को एक फ़ैशन के रूप में ले रहा है और इसे आधुनिकता का एक प्रतीक मान लिया है। यह एक गम्भीर सामाजिक समस्या है इससे उबरने के लिए व्यापक सामुदायिक प्रयासों की आवश्यकता है।कार्यक्रम का आयोजन रासेयो कार्यक्रम अधिकारी ज्ञान प्रकाश पाण्डेय एवं प्रो. संगीता बासरानी के निर्देशन में किया गया।

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