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जिले में 18 जुलाई से दस्तक अभियान की होगी शुरूआत सीएमएचओ-डॉ.एस.सी.राय

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.सी. राय ने बताया कि 18 जुलाई से अनूपपुर जिले में दस्तक अभियान की शुरूआत की जायेगी।जिसमें डिजीटल हीमोग्लोबिनोमीटर से बच्चों में खून की कमी की जांच कि जाएगी।इससे लाभ यह है कि 30 सेकेड में मशीन से पता चल जाएगा कि बच्चा रक्त की कमी से प्रावि ( एनीमिक ) है या नहीं। बच्चे में हीमोग्लोबिन का स्तर कितना है।जिले में पहली बार घर-घर जाकर हीमोग्लोबिन की जांच की जाएगी।उन्होंने बताया कि इससे परिणाम की गुणवत्ता बेहतर होगी।पहले कलर स्केल के आधार पर बच्चों में हीमोग्लोबिन का स्तर परखा जाता है।इसमें 10 से 15 मिनट का समय लगता था।साथ ही गुणवत्ता भी सटीक नहीं होती थी।इस बार दस्तक अभियान में डिजिटल हिमोग्लोबिनोमीटर से बच्चों में रक्त की कमी की जांच की जाएगी।कार्यकार्ताओं को हीमोग्लोबिन मीटर दिए जा रहे हैं। इससे मौके पर ही हीमोग्लोबिन का स्तर पता चलने पर बच्चों को अस्पताल रेफर किया जा सकेगा।जिले में शिशु मृत्यु दर में कमी लाने व 5 वर्ष के विभिन्न रोगों से ग्रसित बच्चों की पहचान कर उनको चिन्हित कर इलाज दिया जाएगा।अभियान के तहत 10 प्रकार की गतिविधियां संचालित की जाएंगी।इनमें 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सकिय पहचान,रैफरल और प्रबंधन  बच्चों में गंभीर रक्त की कमी की सक्रिय स्कीनिंग की जाएंगी। जिले में 18 जुलाई से 31 अगस्त 2022 तक अभियान चलेगा।अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों का घर-घर जाकर स्कीनिंग की जाएगी।
अभियान के तहत बच्चों को ब्लड चढ़ाने की सुविधा होगी एनीमिक बच्चों को ब्लड चढ़ाने की सुविधा जिला चिकित्सालय अनूपपुर में उपलब्ध रहेगी। 
      प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले में 18 जुलाई से 31 अगस्त 2022 तक चलने वाले दस्तक अभियान को लेकर कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। जिसमें 675 गांव में 82011 बच्चों की जांच का लक्ष्य अभियान के दौरान उक्त टीम के द्वारा किया जाएगा जो निम्नानुसार है- 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों के पहचान ,रैफरल व प्रधवन होगा । 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में गंभीर रक्त की कमी सकिया स्कीनिंग व प्रबंधन करेगी।बच्चों को विटामिन ए सोल्युशन पिलाया जाएगा।ओ.आर.एस. व जिंक संबंधी जानकारी के साथ घर-घर ओ.आर.एस.देंगे। बच्चों के टीकाकरण की स्थिति की जानकारी लेना। बच्चों के बजन बढ़ाने को लेकर कंगारू मदर केयर की जानकारी देना।एसएनसीयू व एनआरसी से छुट्टी वाले बच्चों में स्कीनिंग व फोलोअप को प्रोत्साहन दिया जाएगा।जन्मजात विकृतियों की पहचान भी होगी।गत 6 माह में मृत्यु होने वाले बच्चों की ट्रैकिंग की जाएगी।हाथ घोने की विधि बताई जाएगी।

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