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दुष्‍कर्म के अलग-अलग मामलों में आरोपीगण की जमानत याचिका न्यायालय ने की खारिज

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय श्रीमान विशेष न्‍यायाधीश (पॉक्‍सों)द्वितीय अपर सत्र न्‍यायाधीश आर. पी. सेवेतिया के न्यायालय से दो अलग-अलग मामलो में आरोपीगण हरिकीर्तन शाह पिता जुडावन शाह उम्र 52 वर्ष निवासी शीतला माता मंदिर के पास ग्राम जमुनाकाल्‍री भालूमाडा जिला अनूपपुर म.प्र जो दिनांक 19-12-2020 से जेल में है एवं जीवनलाल पिता भीखमदास महरा उम्र 52 वर्ष निवासी ग्राम बरबसपुर थाना कोतवाली जिला अनूपपुर की जमानत याचिका निरस्त की गई है दोनों मामलों में राज्‍य की ओर पैरवी विशेष लोक अभियोजक,जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि के द्वारा की गई।
                       उक्‍त दोनों आदेश की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने बताया कि प्रथम मामला थाना भालूमाडा का है दिनांक 18-12-2020 को सुबह करीब 10.30 बजे की है, पीडिता की दादी से परिचय होने के कारण आरोपी हरिकीर्तन पीडिता के घर उसकी दादी के आधार कार्ड, एवं बैंक पासबुक की फोटोकॉपी लेने उसके घर आया था तब पीडिता की दादी एवं मां अपने घर के अंदर कागजात ढूढने में व्‍यस्‍त हो गई तभी पीडिता जो कि घर के आंगन में अपनी छोटी बहन के साथ खेल रही थी को आरोपी ने अपनी गोद में बैठाकर उसके साथ अश्‍लील हरकते करने लगा तब पीडिता वहा से उठकर चली गई उसके बाद पीडिता अपनी मां को घटना के बारे में बताई तब पीडिता अपनी दादी के साथ थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई।
                द्वितीय मामले में आरोपी जो कि पीडिता का रिश्‍ते में दादा लगता है ने पीडिता को दिनांक 30-03-22 की रात करीब 2 बजे महुआ बीनने के बहाना बुलाया तो पीडिता आरोपी के साथ महुआ बीनने मौहार चली गई वहां पर आरोपी ने पीडिता को अकेला पाकर उसके साथ गलत काम किया और कहा कि किसी को बताया तो जान से खत्‍म कर दूंगा।
              राज्‍य की ओर से विशेष लोक अभियेाजक एवं जिला अभियेाजन अधिकारी रामनरेश गिरि ने प्रथम मामले में जमानत आवेदन का विरोध किया कि पीडिता 07 वर्षीय अबोध बालिका है जिसके साथ आरोपी ने बलात्‍संग संबंधी अपराध कारित किया है जो कि बच्‍चों के प्रति अपराध के कारण गंभीर प्रक़ति का है यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह प्रकरण के निराकरण में विलं‍बत कारित करेगा एवं साक्षियों को प्रभावित करेगा। दूसरे मामले में जमानत आवेदन का विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक द्वारा कहा गया कि आरोपी ने पीडिता से निकटतम रिश्‍तेदारी का लाभ उठाकर एवं उसकी अवयस्‍कता की उम्र को ध्‍यान में न रखते हुए उसके साथ बलात्‍संग जैसे गंभीर अपराध को कारित किया ऐसी स्थिति में उसे जमानत का लाभ नही मिलना चाहिए।
              उपरोक्‍त दोनों मामलों में न्‍यायालय ने जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि के कथनों से सहमत होते हुए दोनों अभियुक्‍तगण का जमानत आवेदन निरस्‍त कर दिया।      

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