(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) जिले की पवित्र नगरी अमरकंटक में लंबे समय से आम जनता के दर्द को जमीनी स्तर पर महसूस करने वाले मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव श्रीधर शर्मा ने सरकार की नीतियों पर तंज कसते हुए कहा है कि वर्तमान सरकार आम जनता को निरंतर गुमराह कर रही है और आम जनता के हितों को दरकिनार कर राजनीति का दुरुपयोग कर रही है लेकिन चुनाव आते ही जनता को प्रलोभन देने की सरकार की नीति शर्मनाक है। यदि वास्तव में सरकार आम जनता के हितों को ध्यान में रखकर जनता का विकास करने की मंशा रखती तो शायद केवल चुनाव आने पर ही मंहगाई को कम करने की की नहीं सोचती, बल्कि आम जनता की मूल आवश्यकताओं को सर्वदा नियंत्रित दरों पर रखती, जिससे कि गरीब जनता का भी रहन सहन सुधर सके।
चुनावी वर्ष के आते ही आम जनता अब पुनः जनता जनार्दन कहलाने लगी है और राजनीतिक मंचों पर राजनेताओं और राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों की भाषा आम जनता को "जनता जनार्दन" की उपमा से संबोधित करने लगी है। हालांकि देश की जनता सरकार और राजनेताओं की इस चापलूसी से परिपूर्ण भाषा को समझ चुकी है और आगामी नगरीय निकाय और पंचायती चुनाव में आम जनता का बुलडोजर भी लगभग तैयार है। आम जनता ने भी अपने मतों के सदुपयोग पर विचार करते हुए बुलडोजर तैयार कर रखा है और संभवतः आगामी चुनाव में इसके परिणाम व जनता के बुल्डोजरी रुझान भी जल्द ही सभी के समक्ष होंगे।
श्री शर्मा ने बताया कि चुनाव आते ही पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की सब्सिडी वाले मैसेज से मीडिया जगत व सोशल मीडिया में जबरदस्त उफान आया और पेट्रोल की कीमत में 9.50 रुपए की गिरावट के बावजूद भी लोगों में कोई खुशी दिखाई नहीं दे रही है बल्कि लोगों को समझ में आ चुका है कि वर्तमान सरकार आम जनता को चुनाव के लड्डू परोसना प्रारंभ कर रही है और इसकी शुरुआत पेट्रोल, डीजल की कीमतों को कम करके की जा रही है, जिससे कि जनता के दिमाग को कुछ हद तक मंहगाई कम करने की दिशा में केंद्रित कर जनता को भ्रमित किया जा सके। अब देखना यह है कि आम जनता केवल "जनता जनार्दन" कहने पर खुश होने वाली है या इन चुनावी हथकंडों को नकार कर अपने मताधिकार का जवाब देने वाली है?
चुनावी वर्ष के आते ही आम जनता अब पुनः जनता जनार्दन कहलाने लगी है और राजनीतिक मंचों पर राजनेताओं और राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों की भाषा आम जनता को "जनता जनार्दन" की उपमा से संबोधित करने लगी है। हालांकि देश की जनता सरकार और राजनेताओं की इस चापलूसी से परिपूर्ण भाषा को समझ चुकी है और आगामी नगरीय निकाय और पंचायती चुनाव में आम जनता का बुलडोजर भी लगभग तैयार है। आम जनता ने भी अपने मतों के सदुपयोग पर विचार करते हुए बुलडोजर तैयार कर रखा है और संभवतः आगामी चुनाव में इसके परिणाम व जनता के बुल्डोजरी रुझान भी जल्द ही सभी के समक्ष होंगे।
श्री शर्मा ने बताया कि चुनाव आते ही पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की सब्सिडी वाले मैसेज से मीडिया जगत व सोशल मीडिया में जबरदस्त उफान आया और पेट्रोल की कीमत में 9.50 रुपए की गिरावट के बावजूद भी लोगों में कोई खुशी दिखाई नहीं दे रही है बल्कि लोगों को समझ में आ चुका है कि वर्तमान सरकार आम जनता को चुनाव के लड्डू परोसना प्रारंभ कर रही है और इसकी शुरुआत पेट्रोल, डीजल की कीमतों को कम करके की जा रही है, जिससे कि जनता के दिमाग को कुछ हद तक मंहगाई कम करने की दिशा में केंद्रित कर जनता को भ्रमित किया जा सके। अब देखना यह है कि आम जनता केवल "जनता जनार्दन" कहने पर खुश होने वाली है या इन चुनावी हथकंडों को नकार कर अपने मताधिकार का जवाब देने वाली है?
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