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बाल-विवाह रोकने जन-सामान्य एवं सेवाप्रदाताओं से कलेक्टर की अपील निर्देश के उल्लंघन पर होगी कार्यवाही

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के नियम 11 अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह बाल विवाह कहलाता है। बाल विवाह करना दण्डनीय अपराध है और बाल विवाह करने-कराने एवं उसमें शामिल होने एवं सेवायें (जैसे प्रिन्टिग प्रेस, हलवाई, केटरर, धर्मगुरू, समाज के मुखिया, बैण्ड वाला, घोड़ी वाला, ब्यूटी पार्लर, टेन्ट हाउस, ट्रांसपोर्ट)देने पर 2 वर्ष का कठोर कारावास एवं 01 लाख रूपये के जुर्माना अथवा दोनों प्रकार से दण्ड का प्रावधान है।
            कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने जिले की जनता एवं विवाह कार्यों में सेवायें प्रदान करने वाले समस्त सेवा प्रदाताओं से अपील की है कि वे बाल विवाह को रोकने में मदद करें। उन्होंने कहा है कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है और इसे रोकना हम सभी का कर्त्तव्य है। अतः जिले में कहीं पर विवाह में अपनी सेवायें देने पहले यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं वे बाल विवाह कराने में सहभागी तो नहीं बन रहे है। अतः विवाह कार्यक्रम में अपनी सेवायें देने से पहले वर एवं वधु का आयु संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें और उसके बाद ही विवाह के लिए अपनी सेवायें प्रदान करें। विवाह सेवाप्रदाता जैसे- प्रिन्टिग प्रेस, हलवाई, केटरर, धर्मगुरू, समाज के मुखिया, बैण्ड वाला, घोड़ी वाला, ब्यूटी पार्लर, टेन्ट हाउस, ट्रांसपोर्ट, के बाल विवाह में सहयोगी बनने की सूचना मिलेगी तो उनके विरूद्ध भी सख्त कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कहा कि अक्षय तृतीया को बाल विवाह होने की संभावना कुछ ज्यादा रहती है।क्योंकि आदिवासी क्षेत्रों में यह प्रथा ज्यादा देखने सुनने को मिलती है इस पर सभी अपनी निगाह रखें। उन्होंने बाल विवाह से निपटने हेतु सभी से अपील की है कि कहीं भी बाल विवाह की जानकारी मिलती है तो तत्काल इसकी सूचना जिला स्तर, तहसील स्तर,ग्राम स्तर पर संबंधितो को तत्काल दें पुलिस में जानकारी दें किसी भी कीमत पर जिले के अंदर बाल विवाह पर पूरी तरह से रोक लगाना है।

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