(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) मध्यप्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार का विधानसभा में प्रस्तुत बजट जनहितकारी एवं कल्याणकारी है। सरकार ने इस बजट में समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा है। चाहे वो किसान हो, उद्धमी हो, महिलाएं, बच्चे, बरोजगार, कर्मचारी सभी वर्ग का ध्यान रखते हुए सरकार ने यह बजट पेश किया है, जो सबके लिए लाभदायक है। बजट में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ किया गया है। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि बजट में बच्चों की शिक्षा के लिए 10,500 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश की जनता को घर-घर पानी पहुंचाने के लिए सरकार ने बजट में 6300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने अजीविका मिशन के जरिए ग्रामीण क्षेत्रो में रोजगार बूस्टप के लिए 1100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने बजट में 3600 करोड़ का प्रावधान किया है। जो जनता के स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बजट बनाने से पूर्व
जनता से लिए सुझाव hu
बजट बनाने से पूर्व
जनता से लिए सुझाव hu
खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि प्रदेश के लिए यह सुखद बात है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में जनता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कोई नया कर नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि यह जनता की सरकार द्वारा जनता के लिए बनाया गया बजट है। सरकार ने बजट बनाने से पहले जनता से सुझाव भी प्राप्त किए थे, जो यह बताता है कि प्रदेश की शिवराज सिंह जी चौहान सरकार का मूल मंत्र सिर्फ जन सेवा ही है। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि किसान पुत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान ने किसानों के कल्याण के लिए 3200 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया है, जबकि फसल बीमा के लिए 2000 करोड़ का प्रावधान किया है। बजट में सरकार ने बाढ़ एवं ओलवृष्टि के लिए 550 करोड़ रुपए तथा आपदा प्रबंधन के लिए 995 करोड़ का प्रावधान किया है।
विपक्ष ने बजट सुना नहीं
तो फिर प्रतिक्रिया क्यों...?
तो फिर प्रतिक्रिया क्यों...?
वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश करने के दौरान विपक्ष के शोर-शराबे और हंगामे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि विपक्ष को बजट पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार नहीं है। क्योंकि जब विधानसभा में बजट पेश हो रहा था, तब विपक्ष के सदस्य बजट भाषण को सुनने के बजाय कान बंद करके हंगामा कर रहे थे। जब विपक्ष ने बजट को सुना ही नहीं, तो फिर किस हैसियत से प्रतिक्रिया दे रहे हैं...? खाद्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष का यह आचरण संसदीय मर्यादा के खिलाफ है। विपक्ष ने जो किया वह एक अच्छी परंपरा नहीं है। क्योंकि इसके पहले विपक्ष द्वारा बजट के बहिष्कार की परंपरा नहीं रही है। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि संसदीय परंपरा रही है कि विपक्ष को बजट सुनने के बाद जब राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर बोलने का मौका मिलता है, उसमें वो अपनी राय रख सकते हैं, लेकिन विपक्ष ने इस परंपरा को तोड़कर सही नहीं किया।
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