(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) झूलेलाल उत्सव चेटीचंड, जिसे सिंधी समाज अपने इष्टदेव भगवान वरुण अवतार श्री झूलेलाल साई जी के जन्म दिवस के रूप में मनाता चला आ रहा है, इस वर्ष 02 अप्रैल शनिवार को मनाया जा रहा है व इसी दिन से सिंधियों का नया वर्ष शुरू होता है। इस दिन सिंधी समाज अपना कारोबार बंद रख पूर्ण रूप से भगवान की आराधना में लिप्त रहता है। विगत दो वर्षों से यह त्यौहार कोरोना की महामारी के चलते लगभग सार्वजानिक तौर पर हर जगह रद्द किया गया था, पर भगवान की आस्था हर सिंधी के दिल में बसी है व बसी रहेगी। विगत दो वर्ष घर-घर में जरूर व्यक्तिगत रूप से भगवान झूलेलाल की पूजा हुई व भगवान से प्रार्थना की गई कि जल्द कोरोना महामारी से विश्व को बचाएं व विश्व जल्द ही पहले जैसा खुशहाल रहे। भगवान झूलेलाल की कहानी पौराणिक है। भारतीय धर्मग्रंथों में कहा गया है कि जब-जब अत्याचार बढ़े हैं, नैतिक मूल्यों का क्षरण हुआ है तथा आसुरी प्रवृत्तियां हावी हुई हैं, तब-तब किसी न किसी रूप में ईश्वर ने अवतार लेकर धर्मपरायण प्रजा की रक्षा की। संपूर्ण विश्व में मात्र भारत को ही यह सौभाग्य एवं गौरव प्राप्त रहा है कि यहां का समाज साधु-संतों के बताए मार्ग पर चलता आया है। शताब्दियों पूर्व प्राचीन भारत वर्ष मे सिंधु प्रदेश में मिर्ख शाह नाम का एक राजा शासन करता था। राजा बहुत दंभी तथा असहिष्णु प्रकृति का था, सदैव अपनी प्रजा पर अत्याचार करता था। उसके शासनकाल में सांस्कृतिक और जीवन-मूल्यों का कोई महत्व नहीं था। पूरा सिन्धु प्रदेश राजा के अत्याचारों से त्रस्त था। उन्हें कोई ऐसा मार्ग नहीं मिल रहा था, जिससे वे इस क्रूर शासक के अत्याचारों से मुक्ति पा सकें। लोककथाओं में यह बात लंबे समय से प्रचलित है कि मिर्ख शाह के आतंक ने जब जनता को मानसिक यंत्रणा दी तो नागरिकों ने ईश्वर की शरण ली। सिन्धु नदी के तट पर ईश्वर का स्मरण किया तथा वरुण देव भगवान ने जलपति उडेरोलाल के रूप में मत्स्य पर सवार होकर दर्शन दिए। तभी नामवाणी हुई कि अवतार होगा एवं नसरपुर के ठाकुर भाई रतनराय के घर माता देवकी की कोख से उपजा बालक सभी की मनोकामना पूर्ण करेगा। समय ने करवट ली और सिंध प्रांत के गाँव नसरपुर गोठ के ठाकुर रतनराय के घर माता देवकी ने चैत्र शुक्ल 2 संवत 1007 को बालक को जन्म दिया एवं उसका नाम उदयचंद रखा गया। इस चमत्कारिक बालक के जन्म का हाल जब मिर्ख शाह को पता चला तो उसने अपना अंत मानकर इस बालक को समाप्त करवाने की योजना बनाई। बादशाह के सेनापति दल-बल के साथ रतनराय के यहां पहुंचे और बालक के अपहरण का प्रयास किया लेकिन मिर्ख शाह की फौजी ताकत पंगु हो गई। उन्हें सिंहासन पर आसीन दिव्य पुरुष उडेरोलाल साई दिखाई दिये। सेनापतियों ने बादशाह को सब हकीकत बयान की। उडेरोलाल ने किशोर अवस्था में ही अपना चमत्कारी पराक्रम दिखाकर जनता को ढाढस बंधाया और यौवन में प्रवेश करते ही नागरिकों से कहा कि बेखौफ अपना काम करें। उडेरोलाल ने बादशाह को संदेश भेजा कि शांति ही परम सत्य है। इसे चुनौती मान बादशाह ने उडेरोलाल पर आक्रमण कर दिया। बादशाह का दर्प चूर-चूर हुआ और उसने पराजय झेलकर उडेरोलाल के चरणों में स्थान मांगा। उडेरोलाल ने सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया। इसका असर यह हुआ कि मिर्ख शाह उदयचंद का परम शिष्य बनकर उनके विचारों के प्रचार में जुट गया। उपासक भगवान झूलेलाल जी को उडेरोलाल, घोड़ेवारो, जिन्दपीर, लालसांईं, पल्लेवारो, ज्योतिनवारो, अमरलाल आदि नामों से पूजते हैं। सिन्धु घाटी सभ्यता के निवासी चैत्र मास के चन्द्र दर्शन के दिन भगवान झूलेलाल जी का उत्सव संपूर्ण विश्व में चेटीचंड के त्यौहार के रूप में परंपरागत हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। चूंकि भगवान झूलेलाल जी को जल और ज्योति का अवतार माना गया है, इसलिए काष्ठ का एक मंदिर बनाकर उसमें एक लोटी से जल और ज्योति प्रज्वलित की जाती है और इस मंदिर को श्रद्धालु चेटीचंड के दिन अपने सिर पर उठाकर, जिसे बहिराणा साहब भी कहा जाता है, भगवान वरुणदेव का स्तुति गान करते हैं एवं समाज का परंपरागत नृत्य छेज करते हैं। यह सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है। चूकि विगत दो वर्षों से कोरोना काल लगा होने के कारण समस्त गतिविधियाँ प्रतिबंधित थी, परंतु इस वर्ष प्रतिबंध मे छूट होने पर संपूर्ण सिन्धी समाज में हर्षोल्लास की लहर है, इसी कड़ी मे जैतहरी मे सिन्धी समाज की बैठक दिनांक 20/03/2022 को संपन्न हुई, जिसमे सिन्धी समाज द्वारा दिनांक 02 अप्रैल 2022 को अपने इष्टदेव भगवान श्री झूलेलाल साई जी का जन्मोत्सव पूर्व वर्षों की भाँति इस वर्ष भी परम हर्षोल्लास के साथ मनाने का निर्णय लिया है, बैठक में पूज्य सिन्धी पंचायत के वरिष्ठ समाजसेवी राजाराम आहूजा, खेमचन्द आहूजा, हरेश आहूजा, चतुर्भुज देवानी, वीरू पंजवानी, महेश खटवानी, राजेश चंचलानी, नारायण मोटवानी और सिन्धु नवयुवक मण्डल जैतहरी के विनोद आहूजा, अमित कुमार आहूजा, भीमसेन आहूजा, मुकेश देवानी, दीपक खटवानी , दुर्गेश देवानी उपस्थित रहे, बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 02 अप्रैल 2022, शनिवार को श्री झूलेलाल जन्मोत्सव के दिन जैतहरी नगर में सिन्धी समाज की समस्त दुकाने बन्द रहेगी और समाज के सभी लोग सुबह 11 बजे चेतनकुटी सिन्धी धर्मशाला में श्री झूलेलाल साई की पूजा मे शामिल होंगे इसके बाद दोपहर में 02 बजे चेतन कुटी सिन्धी धर्मशाला में ही सामाजिक भोज का कार्यक्रम होगा, इसके बाद चेतन कुटी सिन्धी धर्मशाला से ही शाम 04 बजे से इष्टदेव भगवान श्री झूलेलाल साई जी की शोभायात्रा निकाली जायेगी जो सोसायटी रोड से सेंट्रल बैंक से होते हुए परमट मोहल्ला, सिविल लाइन, कमनिया गेट, गांधी चैक, ताम्रकार मोहल्ला से होते हुए थाना तालाब तक जायेगी, रात्रि 8 बजे थाना तालाब में जल देवता की पूजा अर्चना कर विसर्जन कार्यक्रम होगा।
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