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सभ्यता और संस्कृति में महिलाओं की सहनशीलता और त्याग भावना के कारण देवी स्वरूप माना गया-विक्रम सिंह

 

तुलसी महाविद्यालय में 
महिला दिवस पर आयो.हुआ कार्य.

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के सांस्कृतिक विभाग के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. विक्रम सिंह बधेल ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ प्रध्यापक डॉ. जे. के. संत, विशिष्ट अतिथि डॉ. आकांक्षा राठौर, डॉ. गीतेश्‍वरी पाण्डेय, श्रीमती संगीता बासरानी समेत समस्त सहायक प्रध्यापक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. तरन्नुम सरवत के द्वारा किया गया।
प्राचार्य डॉ. विक्रम सिंह बघेल ने कहा कि हिंदू सभ्यता और संस्कृति में महिलाओं की सहनशीलता और त्याग भावना के कारण ही उन्हें देवी स्वरूप माना गया है। उन्होंने कहा कि बेटियों को अपनी शक्तियों को पहचान कर अपने जीवन को स्वावलम्बी तथा सकारात्मक समाज के निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका के निर्वाह की सीख दी। इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ.आकांक्षा राठौर ने कहा कि महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए तथा अपने रिश्तो और सामाजिक कर्तव्यों के साथ अपनी अलग पहचान बनानी चाहिए। प्रो. डॉ. जे.के.संत ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महाविद्यालयीन छात्राएं उपस्थित थीं।

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