(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) जिले के प्राचीन काल में निर्मित हुए तालाब एवं विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पूर्व पूर्व दशकों में निर्मित हुए तालाब, चेक डेम और स्टॉप डेम यथोचित रख-रखाव तथा प्रबंधन के अभाव में डिजाईन्ड क्षमता के अनुरूप परिणाम नहीं दे पा रही हैं और अनुपयोगी हो गई हैं ऐसे तालाबों, चेकडेम तथा स्टॉप डेम के जीर्णोद्धार अथवा नवीनीकरण द्वारा उनकी जल भण्डारण क्षमता में वृद्धि कर इन्हें पुनः उपयोग में लाए जाने हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा महात्मा गांधी नरेगा के तहत पुष्कर समृद्धि योजना के अति महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को लांच किया है। अनुपयोगी व परिणाम नहीं देने वाले तालाबों, चेकडेम तथा स्टॉप डेम को जीर्णोद्धार अथवा नवीनीकरण के फलस्वरूप पुनर्जीवित कर जल भण्डारण क्षमता का उपयोग ग्रामीणों द्वारा सिंचाई, मत्स्य उत्पादन एवं सिंघाड़ा उत्पादन के रूप में किया जा सकेगा। इन जल संग्रहण संरचनाओं के जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण से जल भण्डारण क्षमता के उपयोग से ग्रामीण आय अर्जित कर सकेंगे व इन जल संग्रहण संरचनाओं की संवहनीयता भी सुनिश्चित की जा सकेगी। इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा योजना के पृष्ठ भूमि जीर्णोद्धार अथवा नवीनीकरण हेतु संरचना का चयन, लाभाथियों का चिन्हांकन और उद्देश्य का निर्धारण, जल उपयोगकर्ता समूहों का गठन, तकनीकी विवरण, हितग्राहियों तथा परिणामों के साथ ही वित्तीय संसाधनों व जन भागीदारी, तकनीकी सलाहकार समिति क्रियान्वयन एजेंसी, गुणवत्ता नियंत्रण एवं अनुश्रवण के विस्तृत निर्देश मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव द्वारा दिए गए हैं। योजना अनुसार अनूपपुर जिले में 566 तालाब संरचनाओं को मनरेगा अंतर्गत परिणाम संयोजित जीर्णोद्धार अथवा नवीनीकरण के उल्लेखित मापदंडों के अनुसार चयन कर जियो टैग किया गया है। जिनमें 373 सिंचाई सुविधा सृजन हेतु व 140 मत्स्य पालन हेतु तथा 53 सिंघाड़ा उत्पादन हेतु चिन्हांकित किए गए हैं। इन जल संरचनाओं के उपयोगकर्ता समूहों के 3 हजार 952 सदस्यों को आर्थिक लाभ से अवगत कराया गया है। जिले में चेक डेम की 20 संरचनाओं, स्टॉप डेम की 76 संरचनाओं को पुष्कर धरोहर समृद्धि योजना से अनुपयोगी, मूल्यवान, पुरानी जल संरचनाओं को पुनर्जीवित कर हजारों परिवारों को आर्थिक समृद्धि एवं आजीविका का आधार बनाया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन में जल उपयोगकर्ता समूह बनाकर उनकी सहभागिता भी सुनिश्चित की गई है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्षल पंचोली ने विभाग की अति महात्वाकांक्षी पुष्कर धरोहर समृद्धि योजना के तहत जिले की बहुउपयोगी जल संरचनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए स्वयं मैदानी क्षेत्रों का भ्रमण कर कार्य का अनुश्रवण, पर्यवेक्षण सुनिश्चित कर रहे हैं। वर्षाकाल शुरु होने के पूर्व चिन्हित सभी पुरानी जल संरचनाओं को पुनर्जीवित करने का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। जि.पं. सीईओ श्री पंचोली कहते हैं कि पुष्कर धरोहर समृद्धि योजना से जहां जल संरचनाएं पुनर्जीवित होंगी, वहीं बड़ी मात्रा में ग्रामीण इन संरचनाओं का सिंचाई के साथ ही आजीविका संवर्धन हेतु सिंघाड़ा उत्पादन, मत्स्य पालन एवं अन्य आजीविका आधारित आर्थिक समृद्धि की ओर अग्रसर हो सकेंगे।
0 Comments