Anchadhara

अंचलधारा
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नर्मदा महोत्सव अमरकंटक में...............

 

निर्झरणी महोत्सव में 
आजीविका स्टाल बना सेल्फी पॉइंट
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा के तट पर न जाने कितनी संस्कृतियां पल्लवित और पुष्पित हुईं जो हमारी धरोहर हैं। कुछ ऐसी ही लोक कलाओं और संस्कृति की झलक आज अमरकंटक में माँ नर्मदा मंदिर प्रांगण में मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा लगाए गए स्टाल में देखने को मिली। आदिवासी लोक चित्रण की महत्वपूर्ण विधा गोंडी पेंटिंग आगंतुकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रही, रेखाओं का सुंदर संयोजन चाहे वह कैनवास पर हो या साड़ी पर या दुपट्टे पर,अनायास ही मन को मोहने वाला है। इसी तरह स्थानीय बीजापुरी काष्ठ शिल्प के रूप में विभिन्न देवी देवताओं की कलाकृतियां व अन्य कलाकृतियां बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर ही लेती हैं। काष्ठ शिल्प के साथ साथ लौह शिल्प के माध्यम से कलाकारों की अद्भुत कलाकारी को बिना देखे शायद ही कोई आगे बढ़ पाया हो। इसके अलावा घास से बनाई गई कई कलाकृतियां जिसमें स्थानीय कलाकारों की  कलात्मक सोच और लोक संस्कृति की झलक मिलती है।
                 जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन अनूपपुर शशांक प्रताप सिंह ने बताया कि जिला कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना व मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हर्षल पंचोली के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में  स्थानीय लोक कला व संस्कृति से आमजन को परिचित कराने व संरक्षण का कार्य आजीविका मिशन द्वारा किया जा रहा है, इसी तारतम्य में आज मां नर्मदा की जयंती के अवसर पर आजीविका स्व सहायता समूहों व उनके परिवार के सदस्यों द्वारा बनाई गई विभिन्न कलाकृतियों का प्रदर्शन मंदिर प्रांगण में आजीविका स्टाल के माध्यम से किया गया है ताकि  हमारी पारंपरिक लोक कलाओं को एक महत्वपूर्ण मंच प्राप्त हो और ज्यादा से ज्यादा लोग इस कला और विधा से परिचित हो सकें।
          उक्त आजीविका स्टाल के संयोजन का समस्त कार्य संजय विश्वास व अश्विनी सिंह द्वारा स्थानीय कलाकार  राजेन्द्र उरैती व धनेश्वर धुर्वे एवं ललित दुबे के सहयोग से जिला मिशन टीम के सदस्य दशरथ झारिया दीपक मोदनवाल, अनुराग सिंह व नीरज दुबे के मार्गदर्शन में किया गया।

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