(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) डोला - गूँज समाज कल्याण समिति के तत्वावधान में जागरूकता सप्ताह के अवसर पर शनिवार को शा.माध्यमिक विद्यालय नगर परिषद डोला में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में नगरनिरीक्षक अजय कुमार जी ,सहायक उपनिरीक्षक विनोद नाहर व नारी शक्ति महिला पुलिस किरण जी व युवा समाज सेवी एनजीओ गूंज समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष कैलाश अहिरवार, सचिव धर्मेंद्र नाहर कोषाध्यक्ष सुनीता सिंह तथा आईटी सेक्टर से पुष्पराज विश्वकर्मा जी व व्यवसायी सन्नी छाबडा जी मनेन्द्रगढ़ से उपस्थित रहे।
आयोजित इस शिविर में छात्र-छात्राओं को शिक्षा का अधिकार व बाल श्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जिसमें बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986 तथा बालक श्रम गिरवीकरण अधिनियम 1933 के संबंध में बताया गया कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों से बूचड़खाने ,बंदरगाह, रेलवे स्टेशन, खान, प्लास्टिक, फाइबर वर्कशाप, बीड़ी बनाने, कालीन बुनना, सीमेंट बनाना, विस्फोटक व पटाखों को बनाने जैसे कार्यो पर नहीं लगाना चाहिए। साथ ही नगर निरीक्षक महोदय ने बच्चों को गुड टच बेड टच की जानकारी दी व सुरक्षा के कई उपाय बताएं। साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर की जानकारी भी दी तथा बच्चों को सड़क सुरक्षा नियम से भी अवगत कराया बताया गया।
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी खतरनाक काम में नियुक्त नहीं किया जा सकता है। इसका दोषी पाए जाने पर कम से कम 6 महीने और अधिक से अधिक एक वर्ष की जेल या दस से बीस हजार रुपये जुर्माना या दोनों हो सकता है। निरीक्षक महोदय ने विद्यालय के दीवार पर लिखे सड़क सुरक्षा नियम ,विद्युत सुरक्षा, भूकंप व आगजनी से सुरक्षा संबंधित पोस्टर देखकर प्रसन्नता जाहिर की और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों के भविष्य को संवारने में कोई कसर न छोडें और हम भी आपके सहयोग के लिए सदैव तत्पर है।विद्यालय प्रमुख पी. एन. त्यागी ने अतिथियों का आभार किया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार से रजनीश कुमार साहू ,श्रीमती प्रीतिप्रभा श्रीवास्तव व सरोजनी लकडा छात्र,छात्राए़ं उपस्थित रहीं।
आयोजित इस शिविर में छात्र-छात्राओं को शिक्षा का अधिकार व बाल श्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जिसमें बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986 तथा बालक श्रम गिरवीकरण अधिनियम 1933 के संबंध में बताया गया कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों से बूचड़खाने ,बंदरगाह, रेलवे स्टेशन, खान, प्लास्टिक, फाइबर वर्कशाप, बीड़ी बनाने, कालीन बुनना, सीमेंट बनाना, विस्फोटक व पटाखों को बनाने जैसे कार्यो पर नहीं लगाना चाहिए। साथ ही नगर निरीक्षक महोदय ने बच्चों को गुड टच बेड टच की जानकारी दी व सुरक्षा के कई उपाय बताएं। साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर की जानकारी भी दी तथा बच्चों को सड़क सुरक्षा नियम से भी अवगत कराया बताया गया।
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी खतरनाक काम में नियुक्त नहीं किया जा सकता है। इसका दोषी पाए जाने पर कम से कम 6 महीने और अधिक से अधिक एक वर्ष की जेल या दस से बीस हजार रुपये जुर्माना या दोनों हो सकता है। निरीक्षक महोदय ने विद्यालय के दीवार पर लिखे सड़क सुरक्षा नियम ,विद्युत सुरक्षा, भूकंप व आगजनी से सुरक्षा संबंधित पोस्टर देखकर प्रसन्नता जाहिर की और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों के भविष्य को संवारने में कोई कसर न छोडें और हम भी आपके सहयोग के लिए सदैव तत्पर है।विद्यालय प्रमुख पी. एन. त्यागी ने अतिथियों का आभार किया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार से रजनीश कुमार साहू ,श्रीमती प्रीतिप्रभा श्रीवास्तव व सरोजनी लकडा छात्र,छात्राए़ं उपस्थित रहीं।
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