(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) विश्वविद्यालयों की ज़िम्मेदारी शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को रोज़गार दिलाने और आत्म-निर्भर बनाने की भी है। उक्त उद्गार मध्यप्रदेश के माननीय राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक में आयोजित समारोह में व्यक्त किए। माननीय राज्यपाल महोदय ने विश्वविद्यालय द्वारा सिकल सेल एनीमिया पर किए जा रहे अनुसंधान का उल्लेख करते हुए कहा कि जनजातीय बहुल क्षेत्र में स्थित यह विश्वविद्यालय शिक्षा, स्वास्थ्य एवं जन-जागरूकता के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल एनीमिया के उपचार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। वंशानुगत रोग होने के कारण विवाह पूर्व युवक-युवतियों को इस रोग से बचने हेतु स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य रूप से कराना चाहिए। दीप प्रज्वलन, मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं कुलगीत से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के द्वारा स्वागत भाषण देते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना इस उद्देश्य के साथ की गयी है कि देश के जनजातीय बहुल एवं दूरस्थ अंचलों में निवासरत विद्यार्थियों को उनके द्वार पर गुणवत्तायुक्त उच्च एवं तकनीकी शिक्षा प्रदान करते हुए, जनजातीय पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित कर उस पर उच्चस्तरीय शोध किये जायें जिससे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि जनजातियों की कला परंपरा, संस्कृति, भाषा, चिकित्सा पद्धति तथा प्रथाओं को संरक्षित रखने और उनका प्रचार-प्रसार करने में विश्वविद्यालय सक्रिय रूप से संलग्न है। विश्वविद्यालय के माननीय कुलाधिपति डॉ. मुकुल ईश्वरलाल शाह ने इस अवसर पर कहा कि यह विश्वविद्यालय अपने आजीविका विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र और नवाचार गोष्ठी गृह के माध्यम से लोक विद्या के प्रसार और कृषको, ग्रामवासियों और जनजातीय समुदाय को जागरूक और प्रशिक्षित करने का कार्य कर रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा सिकल सेल एनीमिया की पहचान और उसके निदान को लेकर किए जा रहे कार्यों पर आधारित एक वृत्त-चित्र का प्रदर्शन किया गया और बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सहायक प्राध्यापक श्रीमती पी. श्रीदेवी ने सिकल सेल एनीमिया की पहचान और उसके उपचार के लिए विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अनुसंधान के फलस्वरूप विकसित टेस्ट किट का उल्लेख किया जिससे सिकल सेल एनीमिया की त्वरित पहचान और उसका शीघ्र उपचार अत्यंत कम खर्च में करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। आशा कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कर्मियों, स्वयं सेवकों तथा सिकल सेल एनीमिया पीड़ितों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टेस्ट-किट और उपचार पद्धति से हुए लाभों को अपने अनुभवों में साझा किया। समारोह में माननीय राज्यपाल महोदय ने संबल योजना और कल्याणी पेंशन योजना के हितलाभ वितरित करने के साथ वन अधिकार पट्टों का वितरण भी किया।
माननीय राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के उत्कृष्टता केंद्र का लोकार्पण किया और उत्कृष्टता केंद्र में विश्वविद्यालय द्वारा संगृहीत परम्परागत औषधियो, वाद्य यंत्रों, अस्त्र-शस्त्रों और देशज उपकरणों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। विश्वविद्यालय परिसर में माननीय राज्यपाल द्वारा पौधारोपण भी किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरीत कुमार मीणा ने किया और कार्यक्रम के संयोजक प्रो. आलोक श्रोत्रिय, अधिष्ठाता (अकादमिक) ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में क्षेत्र के विधायक फुन्देलाल मार्को, विश्वविद्यालय कार्य-परिषद् के सदस्य नरेंद्र मरावी, पूर्व विधायक रामलाल रौतेल, पूर्व विधायक सुदामा सिंह सिंग्राम, भू विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. ए. के. शुक्ला, कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र सिंह भदौरिया, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. भूमिनाथ त्रिपाठी, जनजातीय अध्ययन संकाय के अधिष्ठाता प्रो. प्रसन्न कुमार सामल, शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता प्रो. एम.टी. व्ही. नागाराजू, कुलसचिव पी. सिलुवैनाथन के साथ बड़ी संख्या में शिक्षक, कृषक, पत्रकार, विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारी, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारीगण शामिल हुए।
माननीय राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के उत्कृष्टता केंद्र का लोकार्पण किया और उत्कृष्टता केंद्र में विश्वविद्यालय द्वारा संगृहीत परम्परागत औषधियो, वाद्य यंत्रों, अस्त्र-शस्त्रों और देशज उपकरणों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। विश्वविद्यालय परिसर में माननीय राज्यपाल द्वारा पौधारोपण भी किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरीत कुमार मीणा ने किया और कार्यक्रम के संयोजक प्रो. आलोक श्रोत्रिय, अधिष्ठाता (अकादमिक) ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में क्षेत्र के विधायक फुन्देलाल मार्को, विश्वविद्यालय कार्य-परिषद् के सदस्य नरेंद्र मरावी, पूर्व विधायक रामलाल रौतेल, पूर्व विधायक सुदामा सिंह सिंग्राम, भू विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. ए. के. शुक्ला, कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र सिंह भदौरिया, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. भूमिनाथ त्रिपाठी, जनजातीय अध्ययन संकाय के अधिष्ठाता प्रो. प्रसन्न कुमार सामल, शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता प्रो. एम.टी. व्ही. नागाराजू, कुलसचिव पी. सिलुवैनाथन के साथ बड़ी संख्या में शिक्षक, कृषक, पत्रकार, विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारी, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारीगण शामिल हुए।
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