(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) छत्तीसगढ़ की सीमा से 27 सितंबर की शाम आए 39 हाथियों के समूह द्वारा प्रतिदिन देर शाम से भोर होने तक कोतमा वन परी क्षेत्र के टांकी,मलगा बीट के महानीम कुंडी की एवं मलगा के जंगलों में दिन भर रूकने बाद राम होते ही आस-पास के गांव के घरों तथा धान एवं अन्य तरह की फसलों को अपना आहार बना रहे हैं।29 सितंबर की सुबह सेमरा बीट तथा ग्राम पंचायत फुलकोना के सैतिनचुआ गांव जो जंगल के बीच बसा है मैं देर रात से भोर होने तक हाथियों के समूह द्वारा ग्रामीणों के घरों की दीवार,दरवाजा तोड़कर गांव के चारों तरफ लगी धान एवं अन्य की फसलों को अपना आहार बनाकर सुबह होते होते वापस महानीम कुंडी के जंगल की ओर जा रहे थे। इसी दौरान एक मादा हाथी द्वारा एक बच्चे को जन्म देने की जानकारी ग्रामीणों को लगी जिस पर वन विभाग के मैदानी कर्मचारी द्वारा मौके का निरीक्षण किया गया।इस दौरान हाथियों के समूह द्वारा समझदारी का परिचय देते हुए गांव से जंगल की ओर जाने वाले पगडंडी रास्तों में जंगल से बड़े बड़े पेड़ों की झाड़ियां काटकर पगडंडी रास्तों में बिछा कर आमजन तथा अन्य जानवर के प्रवेश हेतु बंद किया।बुधवार की शाम 06.00 बजे महानीम कुंडी एवं तिलवारी जंगल से होकर 4 किलोमीटर दूर स्थित नगर परिषद डूंमरकछार के बैगानटोला एवं पावटोला में हाथियों की समूह द्वारा कहर बरपाया गया।इस दौरान 17-18 ग्रामीणों के कच्चे मकानों की दीवारें,बाउंड्रीवाल,दरवाजा तोड़कर कच्चे मकानों में रखे धान सब्जी एवं अन्य खाद्य सामग्रियों को अपना सेवन बनाया बाड़ियों में लगी सब्जियां एवं आसपास के खेतों में लगी धान की हरी फसल एवं अन्य तरह की फसलों को पूरी रात चट करते रहे।इस दौरान हाथियों की आने की संभावना को देखते हुए स्थानीय प्रशासन एवं वन विभाग के द्वारा ग्राम पंचायत टांकी के बैगनटोला ग्राम पंचायत फुलकोना के सैतिनचुआ भलमुडी एवं नगरपरिषद डूमरकछार के बैगानटोला पावटोला के ग्रामीणों जो जंगल के किनारे या जंगल में बसे हैं को वाहनों से ग्राम पंचायत भवनों एवं नगर परिषद के भवनों में सुरक्षा की दृष्टि से किया गया।अचानक हाथियों के समूह डूमर कछार के बैगानटोला एवं पावटोला में आने पर प्रशासन के हाथ पर भूल गए इस दौरान एसडीओ वन अनूपपुर के.बी.सिंह, वन परिक्षेत्र अधिकारी कोतमा परिवेश सिंह भदौरिया ,थाना प्रभारी रामनगर अजय कुमार बैगा ,वन एवं पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को हटाया तथा हाथियों के समूह को पटाख़ा एवं मसाल के माध्यम से गांव के बाहर किया गया।तथा मोबाइल टीम के द्वारा एलाउंस कर ग्रामीणों को अकेले जंगल या जंगल से लगे इलाके में जाने से रोका गया।इस दौरान पड़ोस के छत्तीसगढ़ राज्य के मनेंद्रगढ वन मंडल एवं वन परिक्षेत्र के भाैता एवं उसाड जाने वाले मार्ग को वन विभाग द्वारा बैरियर लगाकर आम जनों का आना जाना रोका गया।वन विभाग मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के अधिकारी हाथियों के समूह के विचरण पर पूरी तरह नजर रखे हुए हैं।
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