(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् विशेष न्यायाधीश पॉक्सों भूपेन्द्र नकवाल महोदय के न्यायालय द्वारा आरोपी शंकर सिंह गोंड पिता स्व.खज्जू सिंह गोडं उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम बिजौरा थाना राजेन्द्रग्राम तहसील पुष्पराजगढ जिला अनूपपुर म.प्र. की जमानत याचिका निरस्त कर दी गई।आरोपी के विरूद्व थाना राजेन्द्रग्राम में अप.क्र. 05/19 धारा 376(2) आईजे ,506 भादवि 3,4 पॉक्सों एक्ट के विरूद्ध अपराध दर्ज है। आरोपी अभी तक जेल में है इसलिये उसने अपनी रिहाई हेतु माननीय न्यायालय में जमानत का आवेदन लगाया था प्रकरण में अभियोजन की ओर से जमानत याचिका का विरोध जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा किया गया।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि फरियादिया ने दिनांक 05/01/2019 को थाना राजेन्द्रग्राम में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 01/01/2019 दिन मंगलवार को पीडिता अपनी बीमारी के इलाज के लिये राजेन्द्रग्राम आई थी वह इलाज के बाद वापिस अपने घर जाने के लिए ऑटो का इंतजार कर रही थी उसी समय आरोपी आया और पीडिता को डरा-धमकाकर ग्राम बिजौरा ले गया वहॉ शंकर सिंह गोंड के घर में ले जाकर मेरे साथ जबरजस्ती गलत काम किया और कहा कि थाने में अगर रिपोर्ट कराने गयी तो मै तुम्हारे परिवार को जान से खत्म कर दूंगा। तब पीडिता ने वापिस घर आकर घटना की जानकारी अपने माता-पिता को दी एवं उसके बाद पीडिता माता-पिता के साथ उक्त दिनांक को घटना की रिपोर्ट थाना राजेन्द्रग्राम में दर्ज कराई।
आरोपीगणों ने यह लिया था आधार- आरोपी ने जमानत आवेदन में अपनी रिहाई की प्रार्थना करते हुए यह कहा कि पुलिस ने झूठा मामला दर्ज किया है। वह निर्दोष है, उसने कोई अपराध नही किया। फरियादी का परिवार आरोपी के साथ रंजिश रखता था। यदि उसे जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह न्यायालय की समस्त शर्तो का पालन करेगा एवं प्रत्येक पेशी दिनांक को न्यायालय में समय पर उपस्थित होगा।
अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोध-जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी का अपराध गंभीर एवं अजामनतीय प्रकृति का है पीडिता एससी एसटी श्रेणी की होकर 16 वर्ष से कम आयु की है।अभी न्यायालय में महत्वपूर्ण सक्षियों का साक्ष्म शेष है अगर आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह प्रकरण के अन्य साक्षियों को प्रभावित करेगा।
उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात् माननीय न्यायालय ने जिला अभियेाजन अधिकारी रामनरेश गिरि के कथनों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि फरियादिया ने दिनांक 05/01/2019 को थाना राजेन्द्रग्राम में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 01/01/2019 दिन मंगलवार को पीडिता अपनी बीमारी के इलाज के लिये राजेन्द्रग्राम आई थी वह इलाज के बाद वापिस अपने घर जाने के लिए ऑटो का इंतजार कर रही थी उसी समय आरोपी आया और पीडिता को डरा-धमकाकर ग्राम बिजौरा ले गया वहॉ शंकर सिंह गोंड के घर में ले जाकर मेरे साथ जबरजस्ती गलत काम किया और कहा कि थाने में अगर रिपोर्ट कराने गयी तो मै तुम्हारे परिवार को जान से खत्म कर दूंगा। तब पीडिता ने वापिस घर आकर घटना की जानकारी अपने माता-पिता को दी एवं उसके बाद पीडिता माता-पिता के साथ उक्त दिनांक को घटना की रिपोर्ट थाना राजेन्द्रग्राम में दर्ज कराई।
आरोपीगणों ने यह लिया था आधार- आरोपी ने जमानत आवेदन में अपनी रिहाई की प्रार्थना करते हुए यह कहा कि पुलिस ने झूठा मामला दर्ज किया है। वह निर्दोष है, उसने कोई अपराध नही किया। फरियादी का परिवार आरोपी के साथ रंजिश रखता था। यदि उसे जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह न्यायालय की समस्त शर्तो का पालन करेगा एवं प्रत्येक पेशी दिनांक को न्यायालय में समय पर उपस्थित होगा।
अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोध-जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी का अपराध गंभीर एवं अजामनतीय प्रकृति का है पीडिता एससी एसटी श्रेणी की होकर 16 वर्ष से कम आयु की है।अभी न्यायालय में महत्वपूर्ण सक्षियों का साक्ष्म शेष है अगर आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह प्रकरण के अन्य साक्षियों को प्रभावित करेगा।
उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात् माननीय न्यायालय ने जिला अभियेाजन अधिकारी रामनरेश गिरि के कथनों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी।
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