(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय अविनाश शर्मा के न्यायालय द्वारा आरोपी गजेन्द्र सिंह परमार आयु 51 वर्ष पिता भगवान सिंह जाति क्षत्रीय निवासी ग्राम लेढरा (अमगवां) थाना अमरकंटक जिला अनूपपुर को थाना अमरकंटक के अप.क्र. 16/21 धारा 302, 201(b), 34 भादवि. के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। अभियोजन की ओर से जमानत याचिका का विरोध सुश्री शशि धुर्वे एडीपीओ द्वारा किया गया।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने बताया कि दिनांक 24/01/2021 को ग्राम अमगंवा निवासी द्वारिका सिंह की उसी के घर (प्रधानमंत्री आवास) के दरवाजे के पास किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा 2 दिन पूर्व मृतक के सिर पर आघात किया जिससे बाये कान के ऊपर सिर पर, बाये आंख के ऊपर माथे में एवं एवं गले पर चोट के निशान आये एवं गला दबाकर मृतक की हत्या कर दी गई।
आरोपी की ओर से प्रस्तुत किए गए तर्क-आवेदक की ओर से अपने जमानत आवेदन में यह तर्क दिया गया कि उसने कोई अपराध नहीं किया है उसे जमीनी विवाद के चलते झूठा फंसाया जा रहा है एवं मृतक शराबी था तथा शराब के नशे में उसके साथ जो घटना घटित हुई उसको उसकी कोई जानकारी नहीं।
अभियोजन की ओर से दिया गया तर्क- सुश्री शशि धुर्वे द्वारा अभियोजन का पक्ष रखते हुए तर्क दिया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त ने मृतक के सिर पर चोट पहुंचाकर एवं गला घोटकर हत्या की है अपराध गंभीर श्रेणी का है तथा अभियुक्त जमानत का हकदार नहीं है।
माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के पक्ष से सहमत होते हुए जमानत याचिका का निरस्त कर दिया गया।
अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने बताया कि दिनांक 24/01/2021 को ग्राम अमगंवा निवासी द्वारिका सिंह की उसी के घर (प्रधानमंत्री आवास) के दरवाजे के पास किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा 2 दिन पूर्व मृतक के सिर पर आघात किया जिससे बाये कान के ऊपर सिर पर, बाये आंख के ऊपर माथे में एवं एवं गले पर चोट के निशान आये एवं गला दबाकर मृतक की हत्या कर दी गई।
आरोपी की ओर से प्रस्तुत किए गए तर्क-आवेदक की ओर से अपने जमानत आवेदन में यह तर्क दिया गया कि उसने कोई अपराध नहीं किया है उसे जमीनी विवाद के चलते झूठा फंसाया जा रहा है एवं मृतक शराबी था तथा शराब के नशे में उसके साथ जो घटना घटित हुई उसको उसकी कोई जानकारी नहीं।
अभियोजन की ओर से दिया गया तर्क- सुश्री शशि धुर्वे द्वारा अभियोजन का पक्ष रखते हुए तर्क दिया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त ने मृतक के सिर पर चोट पहुंचाकर एवं गला घोटकर हत्या की है अपराध गंभीर श्रेणी का है तथा अभियुक्त जमानत का हकदार नहीं है।
माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के पक्ष से सहमत होते हुए जमानत याचिका का निरस्त कर दिया गया।
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