(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के गणित विभाग द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ’मॉडर्न नेचर इंस्पायर्ड ऑप्टिमाइजेशन टेक्नीक्स’ विषय पर आयोजित की गई। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक ने की। इस अवसर पर कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह संगोष्ठी दो उद्देश्यों को लेकर महत्वपूर्ण है, पहली यह कि प्रकृति में समस्याएं पहले से मौजूद हैं और इस समस्या का समाधान इस तकनीकी के पास है।
यह संगोष्ठी शोध छात्रों के लिए बहुत लाभकारी है क्योंकि वे नए विचारों को उत्पन्न करने में सक्षम हो सकते हैं और अध्ययन के क्षेत्र में कुछ जटिल अनुकूलन समस्याओं को बहुत प्रभावी ढंग से हल कर सकते हैं। यह कार्यक्रम ’मेक इन इंडिया’ के राष्ट्रीय मिशन में योगदान करने के लिए हर प्रतिभागी को मदद भी कर रहा है।
मुख्य अतिथि प्रो. कुसुम द्वीप भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, विशिष्ट अतिथि प्रो. भूमिनाथ त्रिपाठी, अधिष्ठाता, विज्ञान संकाय इं.गां.रा.ज. विश्वविद्यालय, सम्मानित अतिथि प्रो. अवधेश कुमार शुक्ला अधिष्ठाता भूमि विज्ञान, इं.गां.रा.ज. विश्वविद्यालय, प्रो. नवीन कुमार शर्मा, इं.गां.रा.ज. विश्वविद्यालय, कार्यक्रम निदेशक डॉ. विष्णु नारायण, गणित विभाग, इं.गां.रा.ज. विश्वविद्यालय, एवं संयोजक डॉ. राघव परोहा सहायक आचार्य गणित विभाग, इं.गां.रा.ज. विश्वविद्यालय, थे।
संगोष्ठी में देश विदेश से आमंत्रित वक्ता के रूप में प्रो. अतुल्य नागर, उपकुलपति रिसर्च लिवरपूल होप विश्वविद्यालय लंदन यूके, प्रो. राम मोहन मालिपेड्डी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्कूल ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग क्योंगपूक नेशनल यूनिवर्सिटी डेगू, साउथ कोरिया, प्रो. मुहम्मद शौरिफउद्दीन, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, जहांगीरनगर यूनिवर्सिटी ढाका, बांग्लादेश, प्रो. स्नेहाशीष चक्रवर्ती गणित विभाग एनआईटी अगरतला, प्रो. गीतांजलि पाण्डा, गणित विभाग आईआईटी खड़कपुर, प्रो. जगदीश चंद्र बंसल, गणित विभाग, साउथ एशियन यूनिवर्सिटी दिल्ली, प्रो. केदारनाथ, गणित, विभागाध्यक्ष, प्रो. अपराजिता, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग आईआईटीडीएम ने अपना योगदान दिया।
इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य अनुकूलन के क्षेत्र में काम करने वाले शोधकर्ताओं , शिक्षाविदों और छात्रों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है, ताकि अनुकूलन के सीमावर्ती क्षेत्रों में किए गए विकास कार्यां के बारे में अपने चिंतन क्षेत्र को बढ़ाया जा सके। प्रकृति से प्रेरित अनुकूलन तकनीकों की बुनियादी अवधारणाओं की समझ प्रदान करना। समाज में मौजूद जटिल समस्याओं का समाधान करने के लिए इस आधुनिक प्रकृति प्रेरित अनुकूलन तकनीकी के बारे में व्यतिगत मार्गदर्शन के लिए किया जाएगा।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रकृति द्वारा सीखे गए कुछ नवीन विचारों को उत्पन्न करने के लिए प्रत्येक प्रतिभागी को कुछ वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए सिखाना है, जो उनके लिए पेटेंट कर सकते हैं।
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