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अमरकंटक में अरण्डी संगम तट पर नर्मदा नदी पर बना चौथा माधव सरोवर बांध क्षतिग्रस्त जल संकट के संकेत

(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) अमरकंटक श्री नर्मदा नदी पर बने दो बांध इस वर्ष पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।प्रथम पुष्कर बांध जो नर्मदा उद्गम के पास बना प्रथम बांध पिछले वर्ष जुलाई माह में इसकी दोनों और की मिट्टी की दीवार ढह चुकी है।साथ ही लगभग 20 वर्षों से
वर्षा के साथ जंगलों से बहकर आई मिट्टी प्लास्टिक आदि से यह बांध लगभग 10 फीट भर चुका है।इस वर्ष मई माह में लॉकडाउन में ढील के बाद पुष्कर बांध की गहरीकरण का कार्य आरंभ किया गया था किंतु वर्षा के आगमन के साथ इस बांध की सफाई का कार्य नहीं हो पाया।साथ ही साथ बांध की वॉल का काम भी नहीं हो पाया, अतः यह बांध भारी वर्षा के बाद भी खाली ही रह गया।एवं दूसरा माधव सरोवर जो कि एरण्डी संगम पर 2008 में बनकर तैयार हुआ था लगभग 12 वर्ष में है यह बांध एक ओर से ढह चुका है।हालांकि इसकी जानकारी प्रशासन को कुछ समय पहले ही हो चुकी थी उन्होंने भविष्य में किसी भारी अप्रिय दुर्घटना की आशंका से बांध की एक ओर की दीवार काट दी थी किन्तु बांध एक ओर से धीरे-धीरे करके ढह रहा है और विगत 2/09/2020 को पूर्णतया इसके दीवार ढह गई।अब आलम यह है कि इस बांध में भी जल की एक भी बूंद नहीं है। समस्या अब यह खड़ी हो गई है कि इन दिनों पितृ पक्ष में तर्पण करने के लिए एरण्डी संगम पर
जल नहीं है और श्री नर्मदा के दर्शन को आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए स्नान हेतु इन दो बांधों में बांध की मरम्मत तक एक भी जल नहीं ठहर सकेगा। इन दोनों बांधों की मरम्मत का कार्य अगर जल्द ही संभव नहीं हो पाया तो आने वाली गर्मियों के मौसम में अमरकंटक में जल का संकट गहरा जाएगा।क्योंकि संपूर्ण अमरकंटक में जल के स्रोत का यह दो बांध पुष्कर और माधव सरोवर ही मुख्य आधार हैं।

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