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शिकारियों द्वारा लगाये गये करेंट से नव विवाहिता की मौत एक दिन पूर्व करेंट से हुई थी शिकारी की मौत

 

(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा) शुक्रवार की सुबह जिला मुख्यालय अनूपपुर से 25 कि.मी.दूर स्थित ग्राम औढ़ेरा में पूर्व की तरह अज्ञात   शिकारियों द्वारा जंगली जानवरों के शिकार के उद्देश्य से मृतक के खेत में ही 11 हजार के.वी.में चलित विद्युत लाईन से कटिया फसाकर बॉस की खूॅटी में नंगी जी.आई.तार से करेंट फैले होने से  दिशा मैदान को जा रही 21 वर्षीय

नवविवाहिता प्रीति सिंह पति जय सिंह गोंड़ की नंगी तार में प्रवाहित विद्युत की चपेट में आने से मौत हो गई।घटना की सूचना पर कोतवाली अनूपपुर की उपनिरीक्षक सोनम सोनी पुलिस दल के साथ मौके में पहुॅचकर मृतिका के शव का पंचनामा,साक्षियों के कथन लेने बाद शव परीक्षण हेतु जिला चिकि.भेजा गया।इस दौरान एफ.एल.एस. अनूपपुर विषेषज्ञ आनंन्द नगपुरे शहडोल वन वृत का डागस्कार्ट ने मौके पर परीक्षण किया।ज्ञातव्य है कि 3 दिन पूर्व ग्रा.पंचा. औढ़ेरा के ग्राम बड़हर के सोढ़ी घाट जंगल में जंगली जानवरों के शिकार में पूर्व से संलिप्त ग्राम बड़हर के 40 वर्षीय आरोपी रघुनाथ पिता अर्जुन सिंह की उसके शिकारी साथियों द्वारा किरर से बड़हर के मध्य 11 हजार के.वी.में चलित विद्युत लाईन से कटिया फसाकर बॉस की खूॅटी में नंगी जी.आई.तार से फैलाये करेंट में साथियों के साथ सम्मलित होने देर रात में जाने से करेंट की चपेट में आकर मृत होकर तीन दिन तक जंगल में पड़ा रहा। ज्ञातव्य है कि ग्रा.पंचा.औढ़ेरा के सरपंच सूरज सिंह,पूर्व सरपंच जयपाल सिंह,वन परि.अधिकारी अनूपपुर द्वारा ग्राम बड़हर, किरर,औढ़ेरा,अॅकुआ,सजहा,छीरापटपर,पटपरहा,डिड़वापानी,खोह,बन्दरचुई,रायजल एवं निदावन आदि वन क्षेत्रों से घिरे होने उपरोक्त क्षेत्रों में हर दो वर्ष के मध्य उच्च श्रेणी के वन्यप्राणी टाईगर (बाघ) के साथ तेन्दुआ (लेपर्ट) भालू हजारों की संख्या में चीतल,छिगरी,जंगली सुअर के साथ अनेको तरह के वन्यप्राणियों के होने पर गुजरने वाली विद्युत लाईनों में खुले तार के स्थान पर वन्यप्राणियों की सुरक्षा को देखते हुये केविल युक्त विद्यात तार लगाये जाने की मॉग अनेको बार विद्युत विभाग,वन विभाग के वरिष्ठ से वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किये जाने केन्द्र एवं राज्य के वन मंत्रालय के निरंतर निर्देषों के बाद भी किसी के द्वारा कार्यवाही न कर केविल युक्त तार न लगाने से अनूपपुर जिले में अब तक सैकड़ो से अधिक वन्यप्राणी जिसमें तीन तेन्दुआ,पन्द्रह से अधिक भालू के साथ अनेको संख्या में जंगली सुअर,चीतलों के साथ शिकार की घटनायें घट चुकी है। वही वन विभाग के मैदानी अमले का गंभीरता से अपने मुख्यालयों में रहने से निरंतर बचने,ग्रामीण अंचलों में निरंतर सम्पर्क बनाये रखने से बचने के कारण मृत प्राय स्थिति में सूचना तंत्र होना प्रमुख समस्या का कारण होना प्रतीत हो रहा है।

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