(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) लगातार दो दिनों से हो रही तेज बारिश ने जिले के साथ-साथ जिला
मुख्यालय में भी तबाही मचा दी। तेज बारिश ने देर रात आदर्श मार्ग स्थित एक मकान को ध्वस्त कर दिया। देर रात्रि हादसे के कारण कोई हताहत नहीं हुआ। फिलहाल वह मकान कई सालों से खाली था एवं गेट पर ताला बंद था। सुबह देखा गया कि पूरा मलवा सड़कों पर बिखरा पड़ा था एवं विद्युत कनेक्शन का तार सड़कों पर गिरा हुआ था। इसी तरह जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी में स्थित ग्राम हर्री मैं तिपान नदी ने कोहराम मचा दिया । इसका पानी लोगों के घरों और खेतों में लबालब समा गया जिसके कारण लोगों को अपना घर
खाली कर देर रात्रि पंचायत भवन में शरण लेना पड़ा । बताया गया कि वाटर फ़िल्टर प्लांट सामतपुर अनूपपुर के बांध के गेट न खोलने की वजह से तिपान नदी का जलस्तर रात को भारी बारिश की वजह से अचानक बहुत बढ़ गया। फ़िल्टर प्लांट के लिये बनाये गये बांध के गेट बंद है जिससे नदी का जलस्तर बढ़ता चला गया। ग्राम हर्री के निवासी और कृषक के घरों खेतो फसलो पर पानी भर गया है जिससे उन्हें अपना बोरिया बिस्तर लेकर गांव के पंचायत भवन में शरण लेनी पड़ी। इतना ही नही गांव के लगभग 50 एकड़ खेतो में भी पानी भर गया है। बिहार के बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं जिससे कृषको भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ग्रामवासियो की प्रशासन से मांग है बांध का पानी अतिशीघ्र खोला जाए और नुकसान का उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।
मुख्यालय में भी तबाही मचा दी। तेज बारिश ने देर रात आदर्श मार्ग स्थित एक मकान को ध्वस्त कर दिया। देर रात्रि हादसे के कारण कोई हताहत नहीं हुआ। फिलहाल वह मकान कई सालों से खाली था एवं गेट पर ताला बंद था। सुबह देखा गया कि पूरा मलवा सड़कों पर बिखरा पड़ा था एवं विद्युत कनेक्शन का तार सड़कों पर गिरा हुआ था। इसी तरह जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी में स्थित ग्राम हर्री मैं तिपान नदी ने कोहराम मचा दिया । इसका पानी लोगों के घरों और खेतों में लबालब समा गया जिसके कारण लोगों को अपना घर
खाली कर देर रात्रि पंचायत भवन में शरण लेना पड़ा । बताया गया कि वाटर फ़िल्टर प्लांट सामतपुर अनूपपुर के बांध के गेट न खोलने की वजह से तिपान नदी का जलस्तर रात को भारी बारिश की वजह से अचानक बहुत बढ़ गया। फ़िल्टर प्लांट के लिये बनाये गये बांध के गेट बंद है जिससे नदी का जलस्तर बढ़ता चला गया। ग्राम हर्री के निवासी और कृषक के घरों खेतो फसलो पर पानी भर गया है जिससे उन्हें अपना बोरिया बिस्तर लेकर गांव के पंचायत भवन में शरण लेनी पड़ी। इतना ही नही गांव के लगभग 50 एकड़ खेतो में भी पानी भर गया है। बिहार के बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं जिससे कृषको भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ग्रामवासियो की प्रशासन से मांग है बांध का पानी अतिशीघ्र खोला जाए और नुकसान का उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।



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