अनूपपुर (अंचलधारा) विधानसभा उपचुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने जहां बिसाहूलाल सिंह को अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी बनाना लगभग तय कर दिया है मंत्री पद उसी बात की हरी झंडी दिखा रहा है। लेकिन कांग्रेस में उहापोह की स्थिति आज भी निर्मित है। कांग्रेश के तमाम प्रत्याशी चुनाव प्रचार में गांव गांव जाकर अपना अभियान प्रारंभ कर चुके हैं
। कांग्रेस यह तय नहीं कर पा रही के अंतिम समय में उस का प्रत्याशी कौन होगा कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण अंतिम समय में प्रत्याशी का चयन करना है। तमाम सर्वे रिपोर्ट जनता का मत कांग्रेश के लिए केवल रमेश कुमार सिंह के नाम पर टिका हुआ है। जिसको लेकर अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में हर गली, हर मोहल्ले, चाय दुकान, रेस्टोरेंट ,सैलून सभी जगह चर्चा का विषय केवल रमेश कुमार सिंह का नाम सामने आ रहा है। जिसे लेकर जनमानस में काफी उत्सुकता व्याप्त है उसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ने तमाम सर्वे रिपोर्ट के बाद भी अपने एक प्रत्याशी को आज दिनांक तक हरी झंडी नहीं दे पा रही। उसके पीछे जो भी कारण हो लेकिन यह तय है कि कांग्रेस की जमानत बचाने में या विजय श्री दिलाने में केवल रमेश कुमार सिंह ही होंगे जो कांग्रेस की नाक बचा सकते हैं। अगर रमेश कुमार सिंह के अलावा अन्य कोई भी प्रत्याशी कांग्रेस से मैदान में उतरता है तो आज की परिस्थितियों में जमानत बचा पाना भी मुश्किल सा प्रतीत होता है। क्योंकि कांग्रेश चुनाव के पूर्व अलग-अलग गुटों में विभाजित हो चुकी है जिसके कारण कांग्रेस की नैया डोल सी रही है। जरूरत है कि कांग्रेस अब ज्यादा देर प्रत्याशी चयन को लेकर ना करें। जिसे भी प्रत्याशी घोषित करना हो उसे घोषित कर तमाम प्रत्याशियों को एकजुट करने का काम करें तभी कांग्रेस की नाक बच सकती है और अगर कांग्रेश अंतिम समय में अपना फैसला लेगी तो वह फैसला कांग्रेस के पक्ष में कदापि नहीं जाएगा। आज कांग्रेस के तमाम प्रत्याशी झंडे बैनर शहर से गांव तक लगा लगा कर अपने प्रचार अभियान को तीव्रता देने का काम कर रहे हैं जो निश्चित ही कांग्रेश के लिए नुकसान देह ही है। देखना है आने वाले समय में कांग्रेस क्या फैसला लेती है । अगर रमेश कुमार सिंह जो की चर्चा में है कि वह एक प्रशासनिक अधिकारी हैं और वह जनसेवा के लिए नौकरी त्यागना भी चाहते हैं अगर उन्हें कांग्रेस पार्टी से हरी झंडी मिल जाए तो वे तत्काल नौकरी छोड़ कर विधानसभा क्षेत्र के गांव गांव में घर घर में मतदाताओं के पास पहुंच कर कांग्रेश की आन बान शान के लिए जी जान से जुट जाएंगे। देखना है कांग्रेश के जिलाध्यक्ष इस मामले में कितना सफल हो पाते हैं। क्योंकि कांग्रेस जिलाध्यक्ष की प्रतिष्ठा भी इस उपचुनाव में दांव पर लगी हुई है।
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