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पार्षद ही बनेगा अब नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव की सरगर्मी को लेकर होने लगी चर्चाएं

 (हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) नगरीय निकाय चुनावों के लिये कवायद आरंभ होती दिख रही है। इस बार नगर परिषद या नगर पालिका अध्यक्ष बनने के लिये पार्षद बनना आवश्यक होगा। अब पार्षद बनने के लिए अपने – अपने सुरक्षित ठिकानों की तलाश हेतु हर जगह संभावनाएं टटोली जानी प्रारंभ हो गई है।नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि नगरीय निकायों के चुनावों के लिये कवायद आरंभ कर दी गयी है। हाल ही में राज्य शासन के द्वारा प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखकर नगरीय निकाय चुनावों के लिये वार्ड आरक्षण की कार्यवाही करने को कहा गया है।

बताया जाता है कि जिला स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही में नगरीय निकाय की कुल जनसंख्या, वार्डवार जनसंख्या एवं वार्डवार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या का पूरा ब्यौरा तलब किया जाएगा। वार्ड के हिसाब से आरक्षण तिथि, स्थान एवं समय की सूचना के प्रकाशन के बारे में जानकारी, वार्ड आरक्षण की कार्यवाही का विवरण भी जिलाधिकारियों से जल्द से जल्द विशेष वाहक के जरिये भेजने के निर्देश दिये गये हैं।इधर, शहर के सियासी हल्कों में चल रहीं चर्चाओं के अनुसार नगरीय निकाय चुनावों के अध्यक्ष का चुनाव पार्षद के द्वारा कराया जाएगा। इस लिहाज़ से नगर पालिका या नगर परिषद अध्यक्ष बनने का सपना मन में पालने वालों को पार्षद का चुनाव लड़क परचम लहाराना आवश्यक होगा।चर्चाओं के अनुसार चुनाव का दायरा जितना संकुचित होता है, चुनाव जीतना उतना ही कठिन होता है। इस हिसाब से पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए जन संपर्क बढ़ाने के साथ ही साथ विभिन्न क्षेत्रों में जीत की संभावनाएं तलाशना आरंभ कर दिया गया है। चर्चाओं के अनुसार अब तक बिना चुनाव लड़े ही अपनी सियासत को चमकाने वाले नेताओं के लिये नगरीय चुनाव किसी बड़ी परीक्षा से कम नहीं होंगे। इन चुनावों में अगर इन नेताओं के हाथ पराजय लगी तो इनकी बंद मुठ्ठी खुलने का खतरा भी मण्डरा सकता है।आने वाले चुनावों में काँग्रेस और भाजपा संगठन की अग्नि परीक्षा भी नगरीय निकाय चुनाव में होने की उम्मीद है।

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