(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा)
क्या बेलियाबडी मे करोडों रुपये की लागत से निर्माणाधीन बांध लापरवाही की भेंट चढ गया
या ग्रामीणों ने पुराने रास्ते से आवागमन सुनिश्चित करने के लिये बांध में सेंध लगा
दी ? ऐसे ही बहुत से सवालों , अफवाहों का जवाब तलाशने जिला मुख्यालय से वरिष्ठ पत्रकारों
का एक समूह घटना स्थल पर पहुंचा। अजय मिश्रा, अजीत मिश्रा, किशोर सोनी के साथ स्थल
पर क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता मनोज द्विवेदी,
विभाग के कार्यपालन यंत्री , अनुविभागीय अधिकारी ए के बबेले, इंजीनियर के पी तिवारी, उप यंत्री बी एल द्विवेदी के साथ बेलियाबडी
के वरिष्ठ नेता श्री रामनिरंजन गर्ग, समाजसेवी युवक सत्यप्रकाश पाण्डेय , एडवोकेट प्रवीण
पाण्डेय, रजनीश पाण्डेय, सुरेश नापित , राजकुमार त्रिपाठी, रमाकांत पाण्डेय, अनिल मिश्रा,
राजनारायण पाण्डेय,रामनिवास पाण्डेय, दीपनारायण पाण्डेय, सुभाष मिश्रा, कृष्णानंद पाण्डेय,
खेलावन सिंह के साथ पिपरिया, बेलियाबडी, लोढी, सकोला के बहुत से प्रभावित लोग उपस्थित
थे। ग्रामीणों ने पत्रकारों को बतलाया कि २६ करोड रुपये की लागत से निर्माणाधीन बांध
बुधवार की सुबह फूट गया। बांध के फूट जाने से पानी आज भी बह रहा है। इससे खेती की जमीन
को नुकसान नही हुआ लेकिन गुणवत्ता को लेकर सवाल जरुर उठ खडे हुए। अधिकारियों के अनुसार
बांध निर्माणाधीन है तथा प्रयोग के तौर पर एक तिहाई जल भराव किया जाना था। यह भराव
पूरा हो पाता इससे पूर्व ही बांध के एक हिस्से से पानी रिसने लगा। जिसके कारण बांध
के ऊपरी हिस्से से पानी खोल दिया गया। इस जल निकासी से किसानों की फसली जमीनें बर्बाद
हो गयीं। बांध का पानी नाले के माध्यम से बह जाने से कोई जन- धन की हानि
नहीं हुई।
बांध के डूब क्षेत्र मे अधिकांश जमीन बेलियाबडी ग्राम
पंचायत की है। किसानों को जमीन का मुआवजा भी दिया जा चुका है। लेकिन कोतमा एसडीएम के
पास विवादित ,गैर विवादित मामलों मे समय पर निर्णय ना हो पाने से बहुत से लोगों को
मुआवजा आज भी नही मिला है।
एसडीएम की हीला
हवाली से परेशान ग्रामीण
सुरेश नापित जन
प्रतिनिधियों तथा पत्रकारों के सामने अपनी पीडा बतलाते हुए रुंआसा हो गया। उसने बतलाया
कि एसडीएम के पास मेरे चेक मे हस्ताक्षर करने तक की फुर्सत नहीं है। गैर विवादित होने
के बावजूद सुरेश को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। एडवोकेट प्रवीण पाण्डेय के आम के चार
पेड काट दिये गये, खेत से मिट्टी निकाल ली गयी लेकिन उन्हे भी कुछ नहीं मिला। एसडीएम
से कैम्प लगाकर मुआवजा प्रकरण शीघ्र निपटाने की अपेक्षा की गयी है।
ग्रामीणों की नाराजगी
बांध की गुणवत्ता के साथ कुछ अन्य बातों को लेकर है। मसलन बेलियाबडी पुराने पहुंच मार्ग मे इस वर्ष अचानक
जल भराव हो गया। तीन दिन तक रास्ता बन्द हो जाने से बेलियाबडी के लोगों को परेशानियों
का सामना करना पडा। विभाग नये पहुंच मार्ग का निर्माण बेलियाबडी दुर्गा मन्दिर के पास
से बरगवां - बगैहा हो कर करवाए तो यह इस गाँव के लिये अधिक सुविधाजनक होगा। बिजली के
कुछ खंबे बांध के पानी मे डूब जाने से जनता के साथ मवेशियों को भी खतरा बढ गया था।
इसका निराकरण जल भराव से पूर्व करना होगा।
भाजपा नेता मनोज
द्विवेदी ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों से कहा कि मुआवजा, पहुंच मार्ग, बिजली के खंबों
को हटाने जैसे मुद्दों पर समय रहते ध्यान देने की जरुरत है। कुछ ग्रामीणों ने ठेकेदार
के व्यवहार पर भी आपत्ति की है,जिस पर ध्यान देना जरुरी है। बांध किस कारण से टूटा,
यह तकनीकी जांच का विषय है। इसके लिये बेवजह ग्रामीणों को परेशान करना उचित नहीं ।
होगी जांच
मौके पर उपस्थित
अधिकारियों ने बतलाया कि वस्तुतः बांध का निर्माण दस करोड रुपये की लागत का है ,शेष
राशि मुआवजा हेतु है। ठेकेदार को अभी भुगतान नहीं किया गया है। बांध निर्माणाधीन है।
भोपाल से आने वाले अधिकारी अब बांध फूटने की जांच करेंगे। अधिकारियों ने ग्रामीणों
को आश्वस्त किया कि उनके सभी मुद्दों को ध्यान
मे रखकर शीघ्र कार्यवाही की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि
इसी बुधवार अनूपपुर जनपद अन्तर्गत बेलियाबडी मे निर्माणाधीन बांध जल भराव की टेस्टिंग
होते ही फूट गया था। जिसे लेकर स्थानीय जनता मे व्यापक आक्रोश देखा गया था। प्रशासन
से बांध फूटने के कारणों की उच्च तकनीकी $ प्रशासनिक जांच करवाने तथा प्रभावित किसानों
को नुकसान का मुआवजा शीघ्र देने की मांग की गयी है।।
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