(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा)
सोलह वर्ष जिला निर्माण को पूरा होने जा रहा है लेकिन राजनीति का शिकार यहॉ कार्य करने
वाले अधिकारी हो जाते हैं जिसका परिणाम है कि सोलह वर्ष में 15 वे कलेक्टर के रूप में
चन्द्रमोहन ठाकुर को कार्य करने का मौका मिला है जिस तरह आवश्यकताए अनन्त होती है उसी
तरह समस्याए भी जितनी निपटाओ वो फिर तैयार मिलती है। 15 अगस्त 2003 को अनूपपुर जिला
जरुर बन गया लेकिन आज भी समस्याए जस की तस है। यहॉ कि प्रमुख समस्या रेल फाटक की है
जहॉ फ्लाई ओव्हर ब्रिज बनना है लेकिन तमाम प्रक्रियाओ के बाद भी समस्या का समुचित समाधान
नहीं हो पाया। शासन और रेलवे दोनों ही और से सक्रियता से प्रयास नहीं हो पा रहे। नवागत
कलेक्टर को चाहिए कि इस समस्या को अपनी प्राथमिकता में लेकर इनकी फाईल का अध्ययन कर
इसका शीध्र निराकरण कराए जिससे आम जन को आवश्यक सुविधा मुहैया हो सके । पूर्व कलेक्टर
नन्दकुमारम आज भी जन-जन की चर्चा में है क्योंकि उन्होंने कलेक्ट्रेट भवन चालू कराने
एवं कलेक्ट्रेट जाने वाली सड़कों के चौड़ीकरण के साथ ही शहर के विकास में अपनी रुचि दिखाई।
यही नहीं शासन की योजनाओ के क्रियान्वयन मे जहॉ बढ़ चढ़कर कार्य किया वहीं ग्रामीण अंचल
के अन्तिम छोर तक के व्यक्ति की पीड़ा को भी जाना। आज अनूपपुर जिला मुख्यालय वाला शहर
है लेकिन नगरपालिका द्वारा अतिक्रमण और आवारा पशुओं के खिलाफ किसी तरह का अभियान नहीं
चलाए जाने से पूरा शहर अव्यवस्थित सा हो गया है। अतिक्रमण के चलते अच्छी चौड़ी सड़के
सकरी हो गई है आवारा पशु सड़कों पर दिन रात घुमते रहते हैं जिससे सभी को परेशानी होती
है स्टेशन से बस स्टैण्ड, कलेक्ट्रेट जाने वाला मार्ग पूरी तरह अतिक्रमण का शिकार है।
सड़कों की हालत नपा क्षेत्र में जर्जर है पेयजल
की समस्या से जिला मुख्यालय जुझ रहा है। पन्द्रह वार्डो में विभाजित नगरपालिका की पुरानी
बस्ती का क्षेत्र काफी उपेक्षित है। आवश्यकता है नवागत कलेक्टर महोदय से कि पहले प्राथमिकता
में शहर की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित किया जाए जिससे शहर जिला मुख्यालय सा प्रतीत
होने लगे। शहर के साथ ग्रामीण अंचलो का भी ध्यान रखा जाए और शासन की तमाम् योजनाओं
का क्रियान्वयन शत प्रतिशत कराया जाए जिससे लोग लाभान्वित हो सके। काफी उम्मीदे नवागत
कलेक्टर महोदय से है क्योंकि उन्हे काफी प्रशासनिक अनुभव प्राप्त है निश्चित ही इसका
लाभ जिलेवासी को मिलेगा।
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