भोपाल
(अंचलधारा) विधानसभा चुनाव 2018 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, कांग्रेस मं नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी के भीतर और बाहर गहमा-गहमी
बढ़ती जा रही है। तमाम सर्वे और जन मानस भले ही सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को मजबूत
मान रहा हो, लेकिन उनके नाम पर इतनी आसानी से पार्टी में आम सहमति बनने के आसार नहीं
दिख रहे। उनके चेहरा प्रोजेक्ट होने की डगर में कि बाधाएं हाईकमान तक पार नहीं पा रहा
हैं। अभी कर्नाटक चुनाव तक तो कुछ भी होते नहीं दिख रहा। कांग्रेस में विधानसभा चुनाव
2008 के लिए चेहरा प्रोजेक्ट करने के नाम पर लंबे समय से बहस चली आ रही है। कहा जा
सकता है पिछले सवा साल से पार्टी में यह गफलत की स्थिति बनी हुई है कि चुनाव अरुण यादव
के नेतृत्व में होंगे या किसी और के। किसी और में दो नाम सुर्खियों में है। पहला ज्योतिरादित्य
का और दूसरा कमलनाथ का। आलम यह है कि जब भी कोई बड़ा नेता यहां आता है तो उसके सामने
सबसे पहला सवाल यही होता है। अनिर्णय की शिकार पार्टी के ये नेता दबी जुबान से इसे
कोई मुद्दा नहीं मानते, लेकिन मध्यप्रदेश में जहां भाजपा की सरकार तीन कार्यकाल पूरा
कर चुकी है और सामने शिवराज सिंह चौहान जैसा चेहरा मौजूद है वहां कांग्रेस में भी किसी
नेता के प्रोजेक्शन की बात दम तो रखती है।
सर्वे में सिंधिया भारी
विधानसभा
चुनाव को लेकर पिछले दिनों जो सर्वे हुए उनमें सिंधिया को ज्यादा पसंद किया गया। यह
और बात है कि भावी चेहरे को लेकर पार्टी अलग-अलग धड़ों में बंटी हुई है। एक समूह चाहता
है कि सिंधिया को नेता प्रोजेक्ट किए जाने का लाभ मिलेगा। इसके पीछे जो तर्क दिए जा
रहे हैं वे खारिज नहीं किए जा सकते। तर्क ये है कि वे युवा और आकर्षक है। उनकी वक्तव्य
शैली प्रभावी है। युवा और महिला वर्ग के वोट पर असर डाल सकते हैं। कुछ लोग चाहते हैं
कि अनुभवी कमलनाथ को मौका दिया जाना चाहिए। वहीं एक वर्ग चाहता है कि चुनाव में पार्टी
के परफार्मेंस के बाद नेता का चयन हाईकमान करें।
दिग्विजय की पसंद कमलनाथ
कांग्रेस
की राजनीति से करीब छह महीने से दूर रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अब
अगले सप्ताह से सक्रिय भूमिका में आएंगे। विधानसभा चुनाव 2018 में उनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण
रहेगी। वे कई बार कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ बेहतर पसंद हो सकते
हैं। मगर साथ ही वे यह भी कहते हैं कि यह अधिकार क्षेत्र हाईकमान है।
अरुण-अजय की नजदीकियां
प्रदेश
कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने एकसाथ प्रदेश में दौरे शुरू
करने के लिए न्याय यात्रा का सहारा लिया है। ये यात्रा हाल ही तय की गई हैं और इन यात्राओं
में अरुण व अजय रायसेन से भोपाल के बाद धार और फिर विंध्य क्षेत्र में पहुंचेंगे। हालांकि
अभी तक कमलनाथ अपने क्षेत्र के अलावा प्रदेश में कहीं दूसरी जगह ऐसे घूमकर कांग्रेस
के लिए दौरे करते नजर नहीं हैं जबकि सिंधिया ग्वालियर-चंबल व इनसे लगे दूसरे क्षेत्र
में अपनी सक्रियता को बनाए हुए हैं।
शिवराज सरकार से नाराजगी
विधानसभा
चुनाव को लेकर लोगों में शिवराज सरकार के प्रति नाराजगी है। मुख्यमंत्री के चेहरे पर
सर्वे से कांग्रेस को कोई नुकसान या फायदा होगा इस बारे में मैं कोई टिप्पणी नहीं कर
सकता।
दीपक बाबरिया, प्रदेश
प्रभारी एवं महासचिव अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी
अनूपपुर ब्यूरो/हिमांशू बियानी
अनूपपुर ब्यूरो/हिमांशू बियानी
0 Comments