अनूपपुर।(अंचलधारा) न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्रग्राम अविनाश शर्मा के न्यायालय से आरोपी जगत धारी सिंह निवासी करपा थाना करनपठार की द्वितीय जमानत याचिका निरस्त की।
सहायक मीडिया प्रभारी विशाल खरे ने सुश्री शशि धुर्वे एडीपीओ के हवाले से बताया गया कि मामला थाना करनपठार के अप. क्र 112/20 धारा 366] 376 (2)( जे)(के)(एन) भादवि एवं पॉक्सों एक्ट की धारा 3, 4, 5, 6 से संबंधित है जिसमें आरोपी द्वारा पीडिता को शादी करने का झांसा देकर कई बार बलात्संग किया। पीडिता ने उक्त बात अपनी मॉ को बतायी और उक्त घटना की रिपोर्ट थाना करनपठार में दर्ज कराई तत्पश्चात आरोपी उपरोक्त के विरूद्ध प्रथम दृष्टया अपराध प्रमाणित पाने पर आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
आरोपी ने यह लिया था आधार- आरोपी द्वारा जमानत आवेदन में यह आधार लिया गया था कि आरोपी निर्दोष है उसने कोई अपराध नहीं किया है उसके रंजिसन वश प्रकरण में झूठा फसाया गया है वह टयूशन पढाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है अभिरक्षा में उसके परिवार के समक्ष भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो जायेगी अतः उसे जमानत का लाभ दिया जाये ।
अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोध- उक्त आवेदन पत्र अभियोजन अधिकारी शशि धुर्वे द्वारा जमानत आवेदन का इस आधार पर विरोध किया गया कि अभियुक्त के द्वारा किया गया अपराध गंभीर प्रकृति का है। उसने पीडिता को शादी का झांसा देकर लगातार बलात्संग किया। आरोपी का प्रथम जमानत आवेदन इसी न्यायालय द्वारा द्वारा निरस्त किया जा चुका है प्रकरण में कोई बदली हुई परिस्थिति नहीं हैं उपरोक्त समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों के आलोक में इस स्टेज पर न्यायालय द्वारा अभियुक्त को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं है। उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी की द्वितीय जमानत याचिका अंतर्गत धारा 439 द.प्र.स. निरस्त कर दिया।
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