(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) केंद्रीय विद्यालय अनूपपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में केंद्रीय विद्यालय की प्राचार्या प्रीति मिश्रा नें जानकारी दी कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सुझाये गए सभी मानदंडों को अनूपपुर जिले के तीनों केंद्रीय विद्यालयों अमरकंटक,अनूपपुर,जमुना कॉलरी नें पूरी तरह अंगीकार किया है।
सभी विद्यालयों ने कक्षा एक से तीन तक के छात्रों के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता तथा निपुण भारत कार्यक्रम शुरू किए हैं जो कि व्यापक कार्यक्रम है।जिनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चों में कक्षा तीन के अंत तक पढ़ने,लिखने और संख्यात्मकता के मूलभूत कौशल विकसित हो जाएं।जबकि निपुण भारत 2030 तक पढ़ने,लिखने और अंकगणित में सार्वभौमिक दक्षता हासिल करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक राष्ट्रीय मिशन है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)2020 भारत में शिक्षा के लिए एक व्यापक रूपरेखा है।इसमें प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षा के सभी स्तर शामिल हैं।इस नीति का लक्ष्य भारत में शिक्षा प्रणाली को बदलना और इसे 21वीं सदी की जरूरतों के लिए और अधिक प्रासंगिक बनाना है जो कि सीखने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाता है।जो बच्चे के सर्वांगीण विकास पर जोर देता है। एनईपी 2020 शिक्षा में विविधता और समावेशन के महत्व पर जोर देता है।
एनइपी 2020 भारत की शिक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक सुधार है। इसमें शिक्षा प्रणाली को बदलने और इसे 21वीं सदी की जरूरतों के लिए और अधिक प्रासंगिक बनाने की क्षमता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अंतर्गत खेल खेल में शिक्षा तथा बच्चों में भारतीयता का बोध समाहित करना प्रमुख लक्ष्य है।कक्षा 6 से ही विद्यार्थियों को कौशल विकास की शिक्षा आरम्भ करना लोकल फॉर ग्लोबल का मंत्र मुखरता से आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 ने विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक ज्ञान को सबल बनाने की हिमायत की है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुपालन में बालवाटिका 3 को केंद्रीय विद्यालय अमरकंटक एवं जमुना कॉलरी में लागू किया जा रहा है जो कि प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा के महत्व पर जोर देता है, और 2030 तक गुणवत्तापूर्ण ईसीसीई तक सार्वभौमिक पहुंच का आह्वान करता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की तीसरी वर्षगाँठ के लिए अनूपपुर जिले के सभी केंद्रीय विद्यालयों के प्राचार्यो ने शुभकामनाये प्रेषित की हैं।
सभी विद्यालयों ने कक्षा एक से तीन तक के छात्रों के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता तथा निपुण भारत कार्यक्रम शुरू किए हैं जो कि व्यापक कार्यक्रम है।जिनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चों में कक्षा तीन के अंत तक पढ़ने,लिखने और संख्यात्मकता के मूलभूत कौशल विकसित हो जाएं।जबकि निपुण भारत 2030 तक पढ़ने,लिखने और अंकगणित में सार्वभौमिक दक्षता हासिल करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक राष्ट्रीय मिशन है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)2020 भारत में शिक्षा के लिए एक व्यापक रूपरेखा है।इसमें प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षा के सभी स्तर शामिल हैं।इस नीति का लक्ष्य भारत में शिक्षा प्रणाली को बदलना और इसे 21वीं सदी की जरूरतों के लिए और अधिक प्रासंगिक बनाना है जो कि सीखने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाता है।जो बच्चे के सर्वांगीण विकास पर जोर देता है। एनईपी 2020 शिक्षा में विविधता और समावेशन के महत्व पर जोर देता है।
एनइपी 2020 भारत की शिक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक सुधार है। इसमें शिक्षा प्रणाली को बदलने और इसे 21वीं सदी की जरूरतों के लिए और अधिक प्रासंगिक बनाने की क्षमता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अंतर्गत खेल खेल में शिक्षा तथा बच्चों में भारतीयता का बोध समाहित करना प्रमुख लक्ष्य है।कक्षा 6 से ही विद्यार्थियों को कौशल विकास की शिक्षा आरम्भ करना लोकल फॉर ग्लोबल का मंत्र मुखरता से आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 ने विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक ज्ञान को सबल बनाने की हिमायत की है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुपालन में बालवाटिका 3 को केंद्रीय विद्यालय अमरकंटक एवं जमुना कॉलरी में लागू किया जा रहा है जो कि प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा के महत्व पर जोर देता है, और 2030 तक गुणवत्तापूर्ण ईसीसीई तक सार्वभौमिक पहुंच का आह्वान करता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की तीसरी वर्षगाँठ के लिए अनूपपुर जिले के सभी केंद्रीय विद्यालयों के प्राचार्यो ने शुभकामनाये प्रेषित की हैं।
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