(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) मध्यप्रदेश शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 2024 तक मिड-डे मिल और राशन की दुकानों सहित सभी सरकारी स्कीमों में फोर्टिफाइड चावल के वितरण को प्रस्तावित किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में गरीबों के बीच कुपोषण के मुद्दे का समाधान निकालने की घोषणा की थी। उक्त स्कीम को साल 2024 तक देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चरणबद्ध तरीके से लागू कर दिया गया है जिसमें तीन चरण होंगे।इसका पहला चरण अक्टूबर, 2021 में शुरू किया गया था।उक्त स्कीम के खर्च का वहन केंद्र सरकार द्वारा किया गया,जिसकी लागत कुल 4270 करोड़ अनुमानित है।
क्या है फोर्टिफाइड चावल...?
फोर्टिफाइड चावल भोजन में आवश्यक पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता को पूरा करता है।यह कुपोषण पर नियंत्रण पाने में मददगार साबित हो सकता है। केंद्र सरकार की योजनाओं के जरिए हितग्राही को मिलने वाले चावल को 100 फ़ीसदी फोर्टिफाइड किया जाएगा। फोर्टिफिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें भोजन में ज़रूरी पोषक तत्वों को जोड़ा जाता है ताकि सिकल सेल एनिमिया एवं घेंघा जैसी बिमारियों से प्रदेश के लोगों का बचाव किया जा सके और इसे खाने वाले लोगों की सेहत में सुधार आए और कुपोषण की समस्या दूर हो सके। फोर्टिफाइड चावल खाद्य नियामक एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप बनाया जाता है। फोर्टिफाइड चावल को तीन सूक्ष्म पोषक तत्वों-आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 के साथ मिश्रित करने की सलाह दी गई है।खाद्य मंत्रालय के मुताबिक मध्यप्रदेश में अप्रैल, 2022 से शुरू हुए दूसरे चरण के तहत एक क्विंटल चावल में 1 प्रतिशत फोर्टिफाइड चावल की मात्रा होती है।
मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सभी किसानों कि सुविधा के लिए ही ई उपार्जन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से राज्य सरकार राज्य के प्रत्येक जिले में किसानों से रबी और खरीफ सीज़न के लिए चावल, चना, ज्वार, सरसो, मंसूर और गेंहू जैसे खाद्यान्न की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाती है।ई उपार्जन की प्रक्रिया अंतर्गत 6 चरण आते हैं, जिसमें किसान पंजीयन, मैसेज द्वारा खरीदी जानकारी देना, अनाज खरीदी, परिवहन संग्रहण और भुगतान करने आदि सम्मिलित हैं ताकि सही योजना बनाई जा सके। राज्य सरकार द्वारा खाद्यान्न की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किये जाने के पश्चात् किसानों को उनके बेचे गए अनाज की रसीद उपलब्ध कराई जाती है एवं किसानों द्वारा बेचे गए राज्य की राशि सात कार्य दिवसों में उनके रजिस्टर्ड बैंक खाते में जमा कर दी जाती है। ई उपार्जन सॉफ्टवेयर के माध्यम से उपार्जन केंद्र द्वारा संग्रहण केंद्रों को किसानों से खरीदे गए अनाज का परिवहन किया जाता है। परिवहन में उपयोग होने वाले बारकोड को भी उपार्जन केंद्र द्वारा प्राप्त और अन्य उपार्जन केंद्रों को जारी किया जाता है। अनाज खरीदी की संपूर्ण प्रक्रिया ई उपार्जन सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही की जाती है।
खाद्य विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए धान 45.81 मे. टन, बाजरा 0.05 मे.टन, ज्वार 0.32 मे.टन एवं गेहूं 128.16 मे. टन ई उपार्जन पोर्टल अनुसार खरीदी की मात्रा बतायी है एवं जिला उपार्जन समिति द्वारा प्रमाणित अंतिम आंकड़े (गोदाम में जमा ) अनुसार मात्रा धान 45.39 मे.टन, बाजरा 0.05 मे.टन, ज्वार 0.32 मे.टन एवं गेहूं 127.91 मे. टन है।
वर्तमान में वर्ष 2022-23 के लिए समर्थन मूल्य पर उपार्जित फसलों के ई उपार्जन पोर्टल अनुसार खरीदी की मात्रा के आंकड़े इस प्रकार हैं- धान 24.43 मे.टन, बाजरा 0.00 मे.टन, ज्वार 0.0023 मे.टन एवं गेहूं 46.03 मे.टन। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत देश के किसी भी क्षेत्र के नागरिक राशन कार्ड के माध्यम से देश के किसी भी राज्य से पीडीएस राशन की दुकान से अपने हिस्से का राशन प्राप्त कर सकेंगे। लॉक डाउन के समय देश के सभी नागरिकों को इस योजना के शुरू होने से राहत पहुंचाई गई। इस वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत देश के नागरिक देश के किसी भी कोने से अपने राशन कार्ड के माध्यम से उचित मूल्य पर राशन की दुकान से राशन ले सकते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के सार्वजनिक वितरण प्रणाली में क्रांति लाना है। उक्त योजना को प्रवासी श्रमिकों को राशन प्राप्त करने में आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए किया गया था।अब प्रवासी श्रमिक अपनी राशन की प्राप्ति उस स्थान से कर सकता है जहां वह रह रहे हो। अब नागरिकों द्वारा अपने आधार नंबर के माध्यम से राशन की प्राप्ति की जाएगी। लाभार्थी द्वारा इस योजना के माध्यम से अब किसी भी उचित मूल्य की दुकान से राशन की प्राप्ति की जा सकेगी। इस योजना को बिना किसी भेदभाव के लागू किया जाएगा। इस योजना की पोर्टेबिलिटी ईपीओएस मशीन पर निर्भर करती है। सर्वेक्षण के आधार पर यह पता चला कि पोर्टेबिलिटी के बारे में व्यापक जागरूकता है लेकिन इसका लाभ सभी नागरिकों तक नहीं पहुंच रहा है। सर्वेक्षण के माध्यम से यह जानकारी भी सामने आई कि समाज के कमजोर वर्ग को पोर्टेबिलिटी पहुंचाना मुश्किल है। इस योजना के संचालन के लिए पीडीएस नेटवर्क को डिजिटल किया गया है। पीडीएस नेटवर्क डिजिटल करने के लिए लाभार्थी के राशन कार्ड के आधार कार्ड से जोड़ा गया।ईपीओएस मशीन से लाभार्थियों की पहचान और पात्रता को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से सत्यापित किया जाता है। इस योजना की सफलता की निगरानी इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिसटीब्यूशन सिस्टम एवं अन्न वितरण पोर्टल के माध्यम से की जा सकती है। अधिकारियों द्वारा इस योजना का कार्यान्वयन का आकलन करने के लिए प्राथमिक डाटा एकत्रित किया है। एक देश एक राशन कार्ड के अंतर्गत उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक मंत्रालय द्वारा मोबाइल एप लांच किया गया है जिसका नाम मेरा राशन ऐप है। यह मोबाइल ऐप प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए लांच किया गया है। इस मोबाइल ऐप के माध्यम से देश का कोई भी व्यक्ति किसी भी राशन की दुकान से राशन प्राप्त कर सकता है। गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से इस ऐप को डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप के माध्यम से यह भी चेक किया जा सकता है कि लाभार्थियों को कितना अनाज मिलेगा। इसके अलावा लाभार्थियों द्वारा नजदीकी राशन की दुकान से संबंधित जानकारी भी इस ऐप के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजनांतर्गत माह नवंबर, 2022 के अनुसार अन्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों जैसे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान आदि से राशन प्राप्त करने वाले प्रदेश के पात्र परिवारों की कुल संख्या 14,669 है, इसके विपरित प्रदेश में रहने वाले अन्यक राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के पात्र परिवारों की कुल संख्या 14,669 है जो खाद्यान्न् वितरण का लाभ उठा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में वर्ष 2022-23 के अनुसार धान खरीदी का विवरण इस प्रकार है- उपार्जन केंद्रों की कुल संख्या 1542 है जिसमें से अब तक खरीदी प्रारंभ करने वाले केंद्रों की संख्या 1499 है। उपार्जन के माध्यम से किसानो की संख्या जिनसे खरीदी की गई है कुल 570104 है एवं कुल खरीदी की मात्रा 4026571.7296 हैं।
प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्री बिसाहूलाल सिंह द्वारा बताया गया कि मध्यप्रदेश में शासकीय उचित मूल्य दुकानों की कुल संख्या 26,299 है जिनसे 12147043 कुल पात्र परिवारों के 51088852 कुल सदस्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा खाद्यान्न वितरण से लाभांवित हैं।यह भी बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले पात्र परिवारों को प्रदेश की सभी उचित मूल्ये दुकानों में फोर्टिफाइड राईस का वितरण किया जा रहा है।फोर्टिफाइड चावल बिल्कुल सुरक्षित एवं अतिरिक्त पोषक तत्वों से युक्त है।फोर्टिफाइड चावल के वितरण का उद्देश्य प्रदेश की जनता को सिकल सेल एनिमिया एवं घेंघा जैसी बीमारियों से बचाव करना है।
खाद्य विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए धान 45.81 मे. टन, बाजरा 0.05 मे.टन, ज्वार 0.32 मे.टन एवं गेहूं 128.16 मे. टन ई उपार्जन पोर्टल अनुसार खरीदी की मात्रा बतायी है एवं जिला उपार्जन समिति द्वारा प्रमाणित अंतिम आंकड़े (गोदाम में जमा ) अनुसार मात्रा धान 45.39 मे.टन, बाजरा 0.05 मे.टन, ज्वार 0.32 मे.टन एवं गेहूं 127.91 मे. टन है।
वर्तमान में वर्ष 2022-23 के लिए समर्थन मूल्य पर उपार्जित फसलों के ई उपार्जन पोर्टल अनुसार खरीदी की मात्रा के आंकड़े इस प्रकार हैं- धान 24.43 मे.टन, बाजरा 0.00 मे.टन, ज्वार 0.0023 मे.टन एवं गेहूं 46.03 मे.टन। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत देश के किसी भी क्षेत्र के नागरिक राशन कार्ड के माध्यम से देश के किसी भी राज्य से पीडीएस राशन की दुकान से अपने हिस्से का राशन प्राप्त कर सकेंगे। लॉक डाउन के समय देश के सभी नागरिकों को इस योजना के शुरू होने से राहत पहुंचाई गई। इस वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत देश के नागरिक देश के किसी भी कोने से अपने राशन कार्ड के माध्यम से उचित मूल्य पर राशन की दुकान से राशन ले सकते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के सार्वजनिक वितरण प्रणाली में क्रांति लाना है। उक्त योजना को प्रवासी श्रमिकों को राशन प्राप्त करने में आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए किया गया था।अब प्रवासी श्रमिक अपनी राशन की प्राप्ति उस स्थान से कर सकता है जहां वह रह रहे हो। अब नागरिकों द्वारा अपने आधार नंबर के माध्यम से राशन की प्राप्ति की जाएगी। लाभार्थी द्वारा इस योजना के माध्यम से अब किसी भी उचित मूल्य की दुकान से राशन की प्राप्ति की जा सकेगी। इस योजना को बिना किसी भेदभाव के लागू किया जाएगा। इस योजना की पोर्टेबिलिटी ईपीओएस मशीन पर निर्भर करती है। सर्वेक्षण के आधार पर यह पता चला कि पोर्टेबिलिटी के बारे में व्यापक जागरूकता है लेकिन इसका लाभ सभी नागरिकों तक नहीं पहुंच रहा है। सर्वेक्षण के माध्यम से यह जानकारी भी सामने आई कि समाज के कमजोर वर्ग को पोर्टेबिलिटी पहुंचाना मुश्किल है। इस योजना के संचालन के लिए पीडीएस नेटवर्क को डिजिटल किया गया है। पीडीएस नेटवर्क डिजिटल करने के लिए लाभार्थी के राशन कार्ड के आधार कार्ड से जोड़ा गया।ईपीओएस मशीन से लाभार्थियों की पहचान और पात्रता को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से सत्यापित किया जाता है। इस योजना की सफलता की निगरानी इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिसटीब्यूशन सिस्टम एवं अन्न वितरण पोर्टल के माध्यम से की जा सकती है। अधिकारियों द्वारा इस योजना का कार्यान्वयन का आकलन करने के लिए प्राथमिक डाटा एकत्रित किया है। एक देश एक राशन कार्ड के अंतर्गत उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक मंत्रालय द्वारा मोबाइल एप लांच किया गया है जिसका नाम मेरा राशन ऐप है। यह मोबाइल ऐप प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए लांच किया गया है। इस मोबाइल ऐप के माध्यम से देश का कोई भी व्यक्ति किसी भी राशन की दुकान से राशन प्राप्त कर सकता है। गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से इस ऐप को डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप के माध्यम से यह भी चेक किया जा सकता है कि लाभार्थियों को कितना अनाज मिलेगा। इसके अलावा लाभार्थियों द्वारा नजदीकी राशन की दुकान से संबंधित जानकारी भी इस ऐप के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजनांतर्गत माह नवंबर, 2022 के अनुसार अन्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों जैसे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान आदि से राशन प्राप्त करने वाले प्रदेश के पात्र परिवारों की कुल संख्या 14,669 है, इसके विपरित प्रदेश में रहने वाले अन्यक राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के पात्र परिवारों की कुल संख्या 14,669 है जो खाद्यान्न् वितरण का लाभ उठा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में वर्ष 2022-23 के अनुसार धान खरीदी का विवरण इस प्रकार है- उपार्जन केंद्रों की कुल संख्या 1542 है जिसमें से अब तक खरीदी प्रारंभ करने वाले केंद्रों की संख्या 1499 है। उपार्जन के माध्यम से किसानो की संख्या जिनसे खरीदी की गई है कुल 570104 है एवं कुल खरीदी की मात्रा 4026571.7296 हैं।
प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्री बिसाहूलाल सिंह द्वारा बताया गया कि मध्यप्रदेश में शासकीय उचित मूल्य दुकानों की कुल संख्या 26,299 है जिनसे 12147043 कुल पात्र परिवारों के 51088852 कुल सदस्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा खाद्यान्न वितरण से लाभांवित हैं।यह भी बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले पात्र परिवारों को प्रदेश की सभी उचित मूल्ये दुकानों में फोर्टिफाइड राईस का वितरण किया जा रहा है।फोर्टिफाइड चावल बिल्कुल सुरक्षित एवं अतिरिक्त पोषक तत्वों से युक्त है।फोर्टिफाइड चावल के वितरण का उद्देश्य प्रदेश की जनता को सिकल सेल एनिमिया एवं घेंघा जैसी बीमारियों से बचाव करना है।
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