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अंचलधारा
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मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ का महाधिवेशन अमरकंटक में संपन्न

 
शलभ भदौरिया फिर से बने प्रदेश के अध्यक्ष पत्रकारों ने दी बधाई
तीन सूत्रीय मांगों को लेकर पत्रकारों ने अमरकंटक में निकाली मशाल रैली
             (हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)  
अनूपपुर (अंंचलधारा) मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ का महा अधिवेशन अमरकंटक में बाबा कल्याण दास आश्रम में संपन्न हुआ जिसमें निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार निर्वाचन कार्यक्रम भी संपन्न किया गया जिसमें निर्विरोध रूप से शलभ भदौरिया को फिर से मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ का अध्यक्ष चुन लिया गया पूरे प्रदेश भर के पत्रकारों का जमवाड़ा अमरकंटक में लगा कलमकारो से पूरा अमरकंटक भरा हुआ था जहां जिला स्तर के प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित हुए एवं मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष माननीय गिरीश गौतम ने मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के सम्मेलन का शुभारंभ किया इस अवसर पर मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ की वरिष्ठ मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष शरद जोशी ने श्रमजीवी पत्रकारों की समस्याओं पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर पत्र भी दिया

विशाल मशाल 
रैली निकली


मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा पत्रकारों के हितों से जुड़ी तीन सूत्रीय मांगो को लेकर अमरकंटक में विशाल मशाल रैली का आयोजन किया गया। इस विशाल रैली में संघ के प्रांतीय अध्यक्ष शलभ भदौरिया के नेतृत्व में प्रदेश के 50  से अधिक जिलों के हजारों पत्रकारों ने महारैली में हिस्सा लिया। मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष शरद जोशी, मो अली ,रिजवान सिद्दीकी, राजकुमार दुबे ,मनोज द्विवेदी, दिलीप सिंह भदौरिया, सुनील त्रिपाठी, उपेन्द्र गौतम, अनिल त्रिपाठी, अजीत मिश्रा, उमाशंकर पाण्डेय, श्रवण उपाध्याय, गजानंद गर्ग ,के साथ बड़ी संख्या में पत्रकारों ने नर्मदा मन्दिर से अरंडी संगम तक विशाल  मशाल रैली निकाली । 
 मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा त्रि वर्षीय , द्वि दिवसीय अमरकंटक महाधिवेशन 31मार्च ,1 अप्रैल 2022 को आयोजित किया गया।
 जिसमें प्रदेश के हजारों पत्रकारों द्वारा सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया  कि -- 

1-भोपाल का पत्रकार भवन हमें वापस करें।
 
2-पत्रकार कल्याण आयोग का गठन किया जाए। 
3 -पत्रकार सुरक्षा अधिनियम बनाया जाए। 
अध्यक्ष मंडल के प्रदेश संयोजक राजकुमार दुबे और सह संयोजक मनोज द्विवेदी ने इससे पहले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं  विधानसभा अध्यक्ष  गिरीश गौतम को पत्र प्रदान कर अनुरोध किया कि  पत्रकार कल्याण एवं सुरक्षा के लिये  हमारी उक्त तीन सूत्रीय  मांगों को पूर्ण करें। इस पत्र का वाचन रिजवान सिद्दीकी ने किया। इन मांगों को लेकर पत्रकारों की विशाल रैली नर्मदा मन्दिर से शुरु होकर मुख्य बाजार, नाका,बांधा होते हुए अरंडी संगम पहुंची । पत्रकारों ने मशाल - बैनर हाथों में ले रखे थे और पूरे रास्ते नारे लगाते दिखे।ऐसा ही एक पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर संभागीय अध्यक्ष अजीत मिश्रा ,जिलाध्यक्ष मुकेश मिश्रा ने कमिश्नर शहडोल‌ राजीव शर्मा को सौंप कर मांगें पूरी करने का आग्रह किया।

नर्मदा महाआरती में 
शामिल होकर अभिभूत 
हुए प्रदेशभर के पत्रकार


31 मार्च की रात्रि अमरकंटक स्थित नर्मदा उद्गम मन्दिर में आयोजित महा आरती में मध्यप्रदेश के लगभग 50 से अधिक जिलों के 1100 से अधिक पत्रकारों और उनके परिजनों को शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मा नर्मदा की महाआरती करते हुए कुछ पत्रकार तो इतने भावुक हो उठे कि महाआरती करते हुए उनकी आंखो से आंसू बह निकले।
   31 मार्च --1 अप्रैल को मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के अमरकंटक महाधिवेशन 22 में शामिल होने के लिये मध्यप्रदेश के अलग - अलग जिलों से 1100  से अधिक पत्रकारों का यहाँ आगमन हुआ। 31 मार्च को श्री नर्मदा उद्गम मन्दिर ट्रस्ट के माध्यम से आयोजित नर्मदा महाआरती में संघ के प्रदेश अध्यक्ष शलभ भदौरिया के साथ हजारों पत्रकार शामिल हुए। मन्दिर के पुजारियों ,पंडों ने विधिवत मंत्रोच्चार के साथ माता नर्मदा की महा आरती की। नर्मदाष्टक का पाठ किया गया। इस भव्य ,दिव्य, आध्यात्मिक ,धार्मिक वातावरण से ओतप्रोत पत्रकार मंत्रमुग्ध दिखे। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीणा के निर्देश पर पुष्पराजगढ एसडीएम अभिषेक चौधरी ( आईएएस) , नगर निरीक्षक मनोज दीक्षित, सीएमओ चैन सिंह परस्ते, स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर पाण्डेय, श्रवण उपाध्याय, गजानंद गर्ग , प्रणाम् नर्मदा के विकास चंदेल के साथी  सहयोगियों ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण सराहनीय भूमिका निभाई । महा आरती के उपरान्त श्रद्धालुओं ने महा प्रसाद ग्रहण किया।

कार्यक्रम को इनने
किया सुशोभित



मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ का त्रिवार्षिक महा अधिवेशन मां नर्मदा नदी के उदगम स्थल अमरकंटक में  विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम जी के मुख्य आतिथ्य में ,इन्दिरा गांधी जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति डा. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के विशेष आतिथ्य में तथा प्रदेश अध्यक्ष शलभ भदौरिया जी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।वरिष्ठ मुख्य कार्यकारीअध्यक्ष शरदजोशी ने संस्था की( विकास गाथा) प्रगति प्रतिवेदन पढ़ा तथा पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने, पत्रकार कल्याण आयोगके गठन की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गोतम जी को पत्र सौपा।निर्वाचन में शलभ जी पुनःप्रदेश अध्यक्ष बने। मांगो को लेकर नर्मदा नदी उद्गम स्थल से मां नर्मदा के आशीर्वाद से रैली निकाली।सम्मेलन में सभी जिलों से काफी संख्या मे पत्रकार साथी शामिल हुए।

निर्वाचन अधिकारियों 
ने सौंपा प्रमाण पत्र

मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र सिंह राजावत एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी चैतन्य मिश्रा ने निर्विरोध रूप से निर्वाचित हुए शलभ भदौरिया को प्रदेश अध्यक्ष बनने का प्रमाण पत्र सौंपा।

मध्यप्रदेश श्रमजीवी 
पत्रकार संघ ने दिया 
विधानसभाध्यक्ष को पत्र


मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के वरिष्ठ मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष शरद जोशी ने मध्यप्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के समक्ष पत्रकारों के मुद्दों को लेकर एवं पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर अपनी विस्तृत रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपते  हुए आग्रह किया कि मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ की लंबित मांगों की ओर केंद्र तथा राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने का कष्ट करें ताकि वर्षों से लंबित पत्रकार सुरक्षा कानून बने तथा पत्रकार आयोग के गठन को मूर्त रूप मिल सके।उनके द्वारा दिए गए पत्र पर एक झलक-मध्यप्रदेश में जब पत्रकारों की चर्चा होती है तो मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ का नाम सामने आता है और इसके साथ ही शलभ भदौरियाजी का नाम और चेहरा भी। क्योंकि हमारे प्रदेश में श्रमजीवी पत्रकार आंदोलन ने जो गति पकड़ी है वह भदौरियाजी के सशक्त नेतृत्व में ही आगे बड़ी है। हालांकि प्रदेश में कई ऐसे पत्रकार हुए है जिन्होंने मध्यप्रदेश को गौरवान्वित किया है और श्रमजीवी पत्रकार संघ को भी नेतृत्व प्रदान किया है। हम चर्चा करेंगे इन तीन-चार दशकों की जिसमें मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ ने जो ऊंचाईयां कायम की है वह अपने आप में अनुठी है। हम सब मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के साथ ही अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते है कि हम उस संगठन से जुड़े है जो मध्यप्रदेश के पत्रकारों का प्रतिनिधि संगठन है जिसने पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं को हल करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
साथियों, संगठन के अध्यक्ष श्री भदौरियाजी ने प्रारंभिक काल से ही पत्रकारों को आर्थिक दृष्टि से सक्षम बनाने की दिशा में अनेक प्रयास किए। पत्रकारों के शोषण के खिलाफ सड़कों पर उतरें और अखबार मालिकों की प्रताडना के खिलाफ न्यायालय में भी दस्तक देने में भी परहेज नहीं किया। यही कारण है कि पत्रकारों को सम्मानजनक वेतन मिलता रहा। बाद में मणीसाना,भाचावत, मजीठिया सहित अन्य वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में पत्रकारों साथियों ने श्री भदौरियाजी के निर्देश पर कई आंदोलन किए। इतना ही नहीं संगठन को सुदृढ़ बनाने की दृष्टि से लगातार प्रदेश अध्यक्ष जी का दौरा प्रदेश में समय-समय पर होता है। वे
स्वयं तहसील स्तर के सदस्य साथियों को उनके नाम से पहचानते है। यह संगठन क्षमताका परिचायक है।
आज कई पत्रकार संगठन हमारे मिलते-जुलते नाम से संगठन में सैंध लगाने का प्रयास कर रहे है। पदों का लालच देकर और बिना सदस्यता राशि लेकर संगठन को जोड़ने के लिए प्रयत्नशील है, लेकिन हमारे साथियों में सैंध लगाने में ऐसे कतिपय संगठन सफल नही हो पा रहे है। यह सब हमारे सदस्य साथियों की एकजुटता का परिचायक है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि एक समय मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ की सदस्यता 400-500 हुआ करती थी। केवल राजधानी और संभाग स्तर पर ही यह संगठन था, लेकिन आज तहसील और विकासखंड स्तर तक हमारी इकाईयां है और आज संगठन के लगभग सात से आठ हजार सदस्य है। यह अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। इतनी सदस्यता किसी भी अन्य पत्रकार संगठन की नहीं है।
वे केवल नाम के पत्रकार संगठन है। उनका पंजीयन किस प्रकार हुआ है यह भी जांच का विषय है। क्योंकि जिन संगठनों में पत्रकार ही सदस्य नहीं है वे संगठन पत्रकार संघ के नाम पर कैसे फल फुल रहे है यह आश्चर्य का विषय है ? इतना ही नहीं वह अपने सदस्यता कार्डों पर अधिमान्य शब्द लगाकर लोगों को भ्रमित कर रहे है।

भदौरियाजी पर हमले 
के बाद बना नियम

पुलिस प्रताडना के मामले में पुलिस मुख्यालय में विशेष प्रकोष्ठ के साथ ही जिला स्तर पर भी बिना वरिष्ठ अधिकारी की जांच के बिना पत्रकारों पर प्रकरण दर्ज नहीं होते, यह नियम भी उस समय बना,जब हमारे अध्यक्ष शलभभदौरिया पर कतिपय लोगों द्वारा कातिलाना हमला किया गया था जब प्रदेश में मोतीलाल वोरा की सरकार थी, विधानसभा में विपक्ष द्वारा इस मामले को उठाया गया तब मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा ने पत्रकार पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए इस प्रकार के निर्देश गृहमंत्रालय को दिए और यह नियम बना कि किसी भी पत्रकार पर यदि कोई हमला होता है तो उसकी जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा करवाई जाए। हमने पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं के लिए आवाज उठाई। इसका परिणाम है कि पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं का निदान हुआ है। पत्रकारों की पेंशन योजना लागू करवाई। आज दस हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन शासन द्वारा प्रदाय की जा रही है। अधिमान्य और गैर अधिमान्य पत्रकारों के लिए दुर्घटना बीमा योजना, संभागीय स्तर पर अधिमान्य समितियों का गठन करवाकर जिला एवं तहसील स्तर पर पत्रकारों की अधिमान्यता भी हमने ही शुरू करवाई। टोल नाकों पर अधिमान्य पत्रकारों को विधायक, सांसद के समान छुट दिलवाई। हमने राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी अधिमान्य पत्रकारों को टोल टेक्स से मुक्ति के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है। उम्मीद है इस दिशा में शीघ्र ही
निर्णय होगा। रेलवे में अधिमान्य पत्रकारों को रियायतभी दिलवाई लेकिन फिलहाल रेल मंत्रालय ने इस रियायत को कोरोना काल में बंद कर ģदिया पुन: यह मांग हमने केंद्र सरकार के समक्ष रखी है।इसी प्रकार अनेक मांगें हमने स्वीकृत करवाई है। समय-समय पर हमने शासन को ज्ञापन दिया और पत्रकारों की मांगों को स्वीकृत करवाया।
हर वर्ष 1 मई मजदूर दिवस पर हम प्रदर्शन करते है और अपनी मांगों को लेकर शासन का ध्यान आकर्षित करते है। कोई भी पत्रकार संगठन इस प्रकार का प्रयास कभी नहीं करता। पत्रकार भवन की लीज का मामला भी हमारे नेता शलभ भदौरियाजी के नेतृत्व में वर्षों से लड़ा जा रहा है। पत्रकार भवन की स्थिति से सभी भली-भांति परिचित है। कतिपय साथियों ने पत्रकार भवन को विवाद की स्थिति बनाकर उस पर सरकार के अधिग्रहण का वातावरण
निर्मित किया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। भले ही शासन की कुछ भी मंशा हो लेकिन हमारे पत्रकार पूर्वज जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से इस इमारत को खड़ा किया था वह आजजमीदोज कर दी गई है। इससे पत्रकार जगत अपमानित हुआ ही है। वहीं जो पत्रकार साथी इसे हवा दे रहे है उन्हें भी बाद में पछताना होगा।

पत्रकार सुरक्षा कानून
पर किया ध्यान आकृष्ट

आज के दौर में पत्रकारों की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है, क्योकि वह हमेशा ऐसे माहौल में रहता है जो किसी खतरे से कम नहीं है। इसे दृष्टिगत रखते हुए हम पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग वर्षों से कर रहे है, लेकिन न तो केंद्र सरकार ने और ना ही राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई गंभीर कदम उठाया। प्रधानमंत्री के नाम पोस्टकार्ड अभियान भी चलाया और दस हजार से अधिक पोस्टकार्ड प्रदेशभर से लिखे गए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम सांसद और मंत्रियों के माध्यम से ज्ञापन भी दिए लेकिन आज तक इस प्रकार का कानून बनाने की कोई हलचल नजर नहीं आती। हम शासनसे आग्रह करते है कि यह कानून शीघ्र ही बनाया जाए ताकि पत्रकार निर्भिक होकर अपनी कलम का उपयोगजन और देश हित में कर सके।
हम सदैव पत्रकारों के लिए आचार संहिता बनाने के पक्ष में भी है। हम स्वयं भी इस दिशा में प्रयत्नशील है और पूरा प्रयास करते है कि जो भी साथी हमारे सदस्य बने वह ब्लेकमेलिंग व पीत पत्रकारिता से दूर रहे। समाज में उसका सम्मान हो न कि पत्रकार के नाम से लोग भयभीत हो। पत्रकारिता अपने आप में चुनौति का कार्य है, हर प्रभावी व्यक्ति मीडिया को अपने अनुकुल बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि वह सुकुन की और साधन युक्त जिंदगी जी सके। हमें हमारे संगठन को संगठित कर ऐसे गठजोड़ के मनसुबों को विफल करना है जो माफियाओं की तरह निष्पक्ष और निर्भिक कलम को दबाने का प्रयास करते है।
हम हमारे श्रमजीवी पत्रकार बुलेटिन के माध्यम से पत्रकारों को प्रशिक्षित भी करते है, मार्गदर्शन देते है ताकि वह स्वच्छ और निर्भिक पत्रकारिता के गुण इस अखबार के माध्यम से सिख सके और अपने विचार भी व्यक्त कर सके साथ ही इस बुलेटिन में अपने क्षेत्र की खबरे निरंतर भेजे और अखबार में छपने वाले आलेखों को भी पडे ताकि आपके ज्ञान में वृद्धि हो ,पत्रकारिता के गुण भी आप सिख सके। अपने संगठन ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफजनर्लिजन के मुख्य प्रशिक्षक पीटरमे के सहयोग से पत्रकारिता की कार्यशाला इंदौर सहित कई जिला मुख्यालयों पर पिछले कई वर्षों पूर्व आयोजित की थी, ताकि पत्रकारों को पत्रकारिता के विषय में समझ और ज्ञान प्राप्त हो सके और पुराने पत्रकारों को पत्रकारिता में आ रहे नए परिवर्तन की जानकारी भी मिल सके। इस प्रकार के प्रशिक्षण हम जिला स्तर पर पुन: प्रारंभ करने वाले
है, जिसमें देश के जाने-माने पत्रकारों को आमंत्रित करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार पीटरमे हमारे बीच नहीं रहे हम उन्हें याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित करते है।हम गौरवान्वित है कि हमारे बीच माननीय राज्य विधानसभा के अध्यक्ष मौजूद है। उनसे आग्रह है कि हमारी लंबित मांगों की ओर केंद्र तथा राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने का कष्ट करें ताकि वर्षों से लंबित पत्रकार सुरक्षा कानून बने तथा पत्रकार आयोग के गठन को मूर्तरुप मिल सके। उम्मीद है लोकतंत्र के इस चौथे खम्बे की और माननीय ध्यान देंगे।

पत्रकारों ने संतों 
का अभिनन्दन कर 
जताया आभार


माता नर्मदा की उद्गम नगरी अमरकंटक में मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रान्तीय महाधिवेशन 22 में प्रदेश के अलग अलग जिलों के हजारों पत्रकारों का आगमन 30 मार्च से 1 अप्रैल तक हुआ। पत्रकारों के स्वागत और उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जिला एवं स्थानीय प्रशासन, नगर परिषद, अमरकंटक विकास प्राधिकरण के लोगों ने सराहनीय सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम उपरान्त आयोजन समिति के संयोजक मनोज द्विवेदी, सह संयोजक अजीत मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर पाण्डेय, श्रवण उपाध्याय, गजानंद गर्ग, विजय उर्मलिया ने श्री कल्याण सेवा आश्रम के समाजसेवी संत परम आदरणीय श्री हिमाद्री मुनि जी महाराज, स्वामी जगदीश आनंद जी महाराज, स्वामी धर्मानंद जी महाराज, स्वामी हर्ष रूप जी महाराज , स्वामी नर्मदा नंद जी महाराज , श्री महंत राम भूषण दास जी महाराज, शांति कुटी आश्रम , मृत्युंजय आश्रम के योगेश दुबे जी, अरंडी संगम स्थित परम योगी बाबा सीताराम जी महाराज ट्रस्ट ,अमरकंटक का साल, श्री फल , स्मृति चिन्ह प्रदान कर सहयोग के लिये आभार प्रकट करते हुए उनका अभिनन्दन किया।
 मुकेश बिलागर, राजेंद्र शर्मा ,श्रवण उपाध्याय , उमा शंकर पांडेय, टीके दास ,सोनू दुबे ,विपुल बर्मन ,प्रदीप शुक्ला ,शिवानी शुक्ला, गजानंद गर्ग, नीलेश जैन ,अंकित तिवारी के सराहनीय कार्यों की प्रशंसा की। आयोजन समिति ने विशेष सहयोग के लिये नगर निरीक्षक मनोज दीक्षित, अभिषेक द्विवेदी , मंडल महामंत्री रोशन पनारिया , मंडल अध्यक्ष अमरकंटक, चैन सिंह परस्ते मुख्य नगरपालिका अधिकारी अमरकंटक, गणेश पाठक, मनीष मानिकपुरी, तहसीलदार आदित्य द्विवेदी पटवारी प्रेम लाल पटेल , स्वास्थ्य विभाग के डॉ मुकेश शर्मा एवं गब्बर सिंह के सक्रिय सहयोग के प्रति आभार प्रकट किया।

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